54 साल पुराना रिश्ता... जयशंकर ने अलजायानी से निवेश, रक्षा पर की बात

दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस अग्रीमेंट में हो रही वार्ताओं में प्रगति को सराहा। दोनों विदेश मंत्रियों ने डिफेंस, सिक्योरिटी, अर्थव्यवस्था, व्यापार, फिनटेक, स्पेस, कल्चर और पीपल टू पीपल संबंधों को लेकर प्रगति को सराहनीय करार दिया।
बहरीन के विदेश मंत्री अब्दुल लतीफ बिन राशिद अलजायनी भारत दौरे पर हैं। दिल्ली में भारत और बहरीन के विदेश मंत्रियों की सह अध्यक्षता के तहत दोनों देशों के बीच साझे हाई जॉइंट कमीशन की बैठक हुई। इस दौरान जारी हुए साझा बयान में दोनों पक्षों ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी भर्य्तसना की। क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म से लड़ाई को इंटेलीजेंस शेयरिंग, कैपिसिटी बिल्डिंग और साइबर सिक्योरिटी में और सहयोग के जरिए धार देने पर सहमति बनी। दोनों पक्षों ने डिफेंस और सिक्योरिटी में और सहयोग के जरिए धार देने पर सहमति बनी। इस बात पर भी सहमति हुई कि सितंबर में नेवी के तीन जहाजों के बहरीन आने से मेरिटाइम सिक्योरिटी और गहरी हुई है। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस अग्रीमेंट में हो रही वार्ताओं में प्रगति को सराहा। दोनों विदेश मंत्रियों ने डिफेंस, सिक्योरिटी, अर्थव्यवस्था, व्यापार, फिनटेक, स्पेस, कल्चर और पीपल टू पीपल संबंधों को लेकर प्रगति को सराहनीय करार दिया। दोनों पक्षों ने माना कि चौथे जॉइंट कमिशन के दौरान व्यापार और निवेश को लेकर बने जॉइंट वर्किंग ग्रुप के अलावा इकॉनमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट की वार्ताएं अहम हैं। इसके साथ जयशंकर ने अगले महीने जीसीसी समिट को लेकर सहयोग की भी बात की।
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विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा है कि हाल के वर्षों में भारत और बहरीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश में लगातार वृद्धि देखी गई है। नई दिल्ली में आयोजित पाँचवीं भारत-बहरीन उच्च संयुक्त आयोग की बैठक में अपने उद्घाटन भाषण में, डॉ. जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों ने रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, वाणिज्य, स्वास्थ्य, संस्कृति और लोगों के बीच संबंधों के क्षेत्रों में द्विपक्षीय निवेश में उल्लेखनीय प्रगति देखी है। उन्होंने बहरीन के नागरिकों की यात्रा को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वीज़ा (ई-वीज़ा) प्रणाली की शुरुआत पर ज़ोर दिया। उन्होंने बहरीन के निवेशकों को देश में निवेश के अवसरों का पता लगाने के लिए आमंत्रित भी किया। उन्होंने अगले महीने मनामा में होने वाले खाड़ी सहयोग परिषद के शिखर सम्मेलन में बहरीन द्वारा अध्यक्षता संभालने के लिए अपनी शुभकामनाएँ भी दीं। डॉ. जयशंकर ने कहा कि इस वर्ष सितंबर में तीन भारतीय नौसैनिक जहाजों ने बहरीन का दौरा किया, जिससे द्विपक्षीय मैत्री और क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा के प्रति भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को बल मिला। उन्होंने भारतीय समुदाय के कल्याण के लिए निरंतर देखभाल और समर्थन के लिए बहरीन साम्राज्य के नेतृत्व का आभार व्यक्त किया।
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इस अवसर पर बोलते हुए, बहरीन के विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल्लातिफ बिन राशिद अलजयानी ने कहा कि बहरीन और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंध लगभग पाँच हज़ार साल पुराने हैं, जिनकी जड़ें व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि ये आर्थिक संबंध इस रिश्ते के केंद्र में हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में फल-फूल रहा है। उन्होंने आगे कहा कि भारत बहरीन के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में से एक बना हुआ है।
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