म्यांमार: सैन्य सरकार के विरोधियों ने 2008 के संविधान को किया अमान्य घोषित, बढ़ा विवाद

Juntas

म्यांमार में सैन्य सरकार के विरोधियों ने अंतरिम संविधान की घोषणा की है।सैन्य शासन के तहत 2008 में लागू संविधान में यह व्यवस्था है कि सत्ता में सेना का प्रभुत्व बना रहे जैसे कि संसद में एक तिहाई सीट सेना के लिए आरक्षित करना और देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेना।

यांगून।म्यांमार में सैन्य सरकार के विरोधियों ने देश के 2008 के संविधान को अमान्य घोषित किया और बुधवार देर रात को इसके स्थान पर एक अंतरिम संविधान पेश किया, जो सत्तारूढ़ जुंटा के लिए एक बड़ी राजनीतिक चुनौती है। हालांकि यह कदम व्यावहारिक नहीं, बल्कि सांकेतिक है। सेना के तख्तापलट के बाद भूमिगत हुए निर्वाचित सांसदों द्वारा स्थापित स्वयंभू वैकल्पिक सरकार कमेटी रिप्रेजेंटिंग प्यिदौग्सु ह्लुत्ताव (सीआरपीएच) ने सोशल मीडिया पर इन कदमों की घोषणा की। सैन्य शासन के तहत 2008 में लागू संविधान में यह व्यवस्था है कि सत्ता में सेना का प्रभुत्व बना रहे जैसे कि संसद में एक तिहाई सीट सेना के लिए आरक्षित करना और देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेना।

इसे भी पढ़ें: चीन के व्यवहार के कारण भारत-ऑस्ट्रेलिया ने उसके खिलाफ अपनी नीति बनाई, थिंक टैंक का बयान

एक फरवरी को निर्वाचित सरकार को हटाकर सत्ता हथियाने वाले जुंटा ने संविधान में आपातकाल के प्रावधानों का हवाला देते हुए ही तख्तापलट किया था। सीआरपीएच ने एक अंतरिम संविधान पेश किया। इसका मकसद म्यांमा में सैन्य तानाशाही के लंबे इतिहास को खत्म करने के साथ ही अपने क्षेत्र में वृहद स्वायत्तता के लिए असंख्य जातीय अल्पसंख्यक समूहों की दीर्घकालीन मांगों को पूरा करना है। सीआरपीएच ने उसे म्यांमा की एकमात्र वैध सरकार के तौर पर मान्यता दिए जाने की मांग की है। विदेशी सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने उसे अभी औपचारिक दर्जा नहीं दिया है लेकिन कुछ इसे सरकार का एक पक्ष मानते हैं जिससे कम से कम चर्चा तो की जानी चाहिए। जुंटा ने इसे देशद्रोही घोषित किया है। इस बीच एक ऑनलाइन समाचार पोर्टल के अनुसार, तख्तापलट के दौरान हिरासत में लेने के बाद से पहली बार कोई व्यक्ति आंग सान सू ची से बात कर पाया है। सू ची ने अपने एक वकील मिन मिन सो से वीडियो लिंक के जरिए बात की।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़