विपक्षी पार्टियां सरकार के खिलाफ हुईं लामबंद, पाकिस्तानी संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश, क्या चली जाएगी इमरान की कुर्सी?
पाकिस्तान की संसद में विपक्षी पार्टियों ने लामबंद होकर इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। जिसके बाद ये तय होगा कि इमरान खान पाकिस्तान के पीएम बने रहेंगे या फिर उनकी विदाई हो जाएगी।
कुर्सी संभालने के बाद से ही लगातार इमरान खान सरकार के लिए सत्ता चलाना कांटों भरा रहा है। सेना की हाथों की कठपुतली पाकिस्तानी सरकार वैसे तो पाई पाई के लिए मोहताज है। देश की अर्थव्यवस्था भी खस्ता हाल है और देश के कप्तान कभी चीन तो कभी रूस के पास झोली फैलाकर मदद मांगने के लिए लगातार यात्राएं भी कर रहे हैं। लेकिन इन सब के बीच इमरान खान की कुर्सी पर ही संकट आ गया है। पाकिस्तान की संसद में विपक्षी पार्टियों ने लामबंद होकर इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। जिसके बाद ये तय होगा कि इमरान खान पाकिस्तान के पीएम बने रहेंगे या फिर उनकी विदाई हो जाएगी।
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इमरान सरकार के खिलाफ पेश किए गए प्रस्ताव को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी की तरफ से कहा जा रहा है कि विपक्ष अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाएगा और अविश्वास प्रस्ताव पास नहीं हो पाएगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव की अपनी योजना के साथ आगे बढ़ना चाहिए क्योंकि उन्हें पास सभी गठबंधन सहयोगियों का साथ है। इसके साथ ही इमरान खान का कहना है कि सरकार ने अपना होमवर्क कर लिया है।
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विपक्षी दल के अविश्वास प्रस्ताव के आह्वान के बीच, इमरान खान पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के गठबंधन दलों और अन्य मंत्रियों को उनका समर्थन पाने के लिए लुभा रहे हैं। लेकिन वो भी इस सरकार के कार्यकाल से खुश नजर नहीं आ रहे हैं। पाहेंजी अखबार में लिखते हुए जावेद सूमरो ने कहा कि उन्हें रिझाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। सूमरो ने कहा कि इस्लामाबाद में इन दिनों राजनीतिक बैठकें और इतनी लॉबिंग हो रही है जैसी लग रहा है कि विपक्ष ने इमरान खान सरकार के खिलाफ अपना अविश्वास प्रस्ताव जीत लिया है। इस बीच इस्लामाबाद में राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रखने वालों की निगाहें पाकिस्तान सेना पर भी है क्योंकि उनके बीच सांठगांठ के कारण खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना आसान नहीं है। हालांकि सेना में बड़े पैमाने पर फेरबदल किया जा रहा है। कुछ स्थानों/तैनाती में पुराने चेहरों को बदलने के लिए नए चेहरों को लाया जा रहा है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि यह सब (नई नियुक्तियां और तबादले) एक नियमित फेरबदल है, लेकिन निकट भविष्य में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका देखी जा सकती है।
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