पाक का आकलन, नये ‘गृह युद्ध’ की ओर बढ़ सकता है अफगानिस्तान

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मीडिया में आई एक खबर में सोमवार को यह जानकारी दी गई। युद्ध ग्रस्त देश में हिंसा को खत्म करने के अथक प्रयास के बावजूद शांति स्थापित करने के तमाम प्रयास अब तक निष्फल रहे हैं।

इस्लामाबाद। अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर पाकिस्तान के आंतरिक आकलन में सामने आया है कि पड़ोसी देश फिर से ‘गृह युद्ध’ की ओर बढ़ सकता है, जहां अमेरिका एवं तालिबान अब तक किसी शांति सौदे पर पहुंचने में विफल रहे हैं। मीडिया में आई एक खबर में सोमवार को यह जानकारी दी गई। युद्ध ग्रस्त देश में हिंसा को खत्म करने के अथक प्रयास के बावजूद शांति स्थापित करने के तमाम प्रयास अब तक निष्फल रहे हैं। 

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‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक अमेरिका ने 18 साल के लंबे संघर्ष का राजनीतिक अंत तलाशने के लिए जारी प्रयासों के तहत पिछले हफ्ते दोहा में अफगान तालिबान के साथ शांति वार्ता बहाल की थी। राष्ट्रपति अशरफ गनी की तरफ से बुलाई गई अफगान ग्रांड काउंसिल जिसे लोया जिरगा के तौर पर जाना जाता है शुक्रवार को खत्म हुई। इसमें सर्वसम्मति से तालिबान के साथ शांति बहाल करने का आह्वान किया गया। गनी ने तालिबान को संघर्षविराम की पेशकश की और रमजान के पवित्र महीने से पहले 175 तालिबानी कैदियों की रिहाई का वादा किया। 

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इन प्रयासों से शांति समझौते की उम्मीदें भले ही फिर से जिंदा हो गई हैं लेकिन पाकिस्तान का आकलन निराश करने वाली तस्वीर पेश करता है। अफगान मामलों को देखने वाली टीम का हिस्सा एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा कि हम निराशावादी नहीं होना चाहते लेकिन जमीनी स्थिति दिखाती है कि इस बात की बहुत कम संभावना है कि तालिबान एवं अमेरिका के बीच जारी वार्ता किसी शांति समझौते तक पहुंचेगी। उनका यह दृष्टिकोण अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर पाकिस्तान की ओर से किए गए आंतरिक आकलन का हिस्सा है। वरिष्ठ अधिकारी की ओर से अखबार के साथ साझा की गई विशिष्ट जानकारी के मुताबिक इस आकलन का सार यह था कि अफगानिस्तान के ‘गृह युद्ध’ की ओर बढ़ने की आशंका है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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