पाकिस्तानी सरकार TTP से करेगी शांति वार्ता, क्या मानी जाएगी तहरीक-ए-तालिबान की ‘मुख्य’ मांगें?

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सैन्य नेतृत्व वार्ता में होने वाली किसी प्रगति की जानकारी समिति को देगी और इस विषय पर संसद में चर्चा कराई जाएगी। सन्नाउल्ला ने बताया कि वार्ता केवल पाकिस्तान के संविधान के अंतर्गत ही होगी।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की एक संसदीय समिति ने सैन्य नेतृत्व को प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से शांति वार्ता करने के लिए अधिकृत किया है। गृह मंत्री राणा सनाउल्ला ने यह जानकारी दी। उन्होंने शनिवार को बताया कि सैन्य नेतृत्व वार्ता में होने वाली किसी प्रगति की जानकारी समिति को देगी और इस विषय पर संसद में चर्चा कराई जाएगी। सन्नाउल्ला ने बताया कि वार्ता केवल पाकिस्तान के संविधान के अंतर्गत ही होगी। डॉन अखबार ने उनके हवाले से बताया कि किसी भी समझौते तक संविधान के तहत पहुंचा जाएगा।

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उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की सेना ने 22 जून को राजनीतिक नेतृत्व को आश्वस्त किया था कि टीटीपी के साथ चल रही वार्ता में कोई भी रियायत नहीं दी जाएगी और आतंकवादी संगठन के साथ होने वाले किसी भी समझौते के लिए संसद से मंजूरी ली जाएगी। अखबार की खबर के मुताबिक, सैन्य नेतृत्व ने यह आश्वासन प्रधानमंत्री कार्यालय में राजनीतिक नेतृत्व के साथ हुई एक बैठक में दिया। टीटीपी के साथ अफगान तालिबान की मदद से जारी वार्ता के बाद पहली बार राष्ट्रीय राजनीतिक नेतृत्व और सैन्य नेतृत्व के बीच बैठक हुई है। यह बैठक सरकार में शामिल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के विरोध के बाद आयोजित की गई है, जिसने कहा था कि इस वार्ता में उसे भरोसे में नहीं लिया जा रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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