Breaking: सुप्रीम कोर्ट में हारे इमरान, डिप्टी स्पीकर का फैसला असंवैधानिक, 9 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर होगा मतदान
सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के फैसले को असंवैधानिक बताया है और नेशनल असेंबली को बहाल कर दिया है। कोर्ट ने साफ कर दिया कि डिप्टी स्पीकर द्वारा किया गया फैसला गलत था। ऐसे में 9 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली को भंग करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा झटका दिया है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के फैसले को असंवैधानिक बताया है और नेशनल असेंबली को बहाल कर दिया है। कोर्ट ने साफ कर दिया कि डिप्टी स्पीकर द्वारा किया गया असंवैधानिक था। ऐसे में 9 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा।
A larger bench of the Supreme Court of Pakistan declares the deputy speaker’s ruling unconstitutional in a unanimous judgment. The court sets aside the ruling and the steps taken after it including the dissolution of the National Assembly: Pakistan's Samaa News pic.twitter.com/a4W7mtEPHb
— ANI (@ANI) April 7, 2022
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मुख्य प्रधान न्यायाधीश ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री इमरान खान को जमकर फटकार लगाई है। सुनवाई के दौरान मुख्य प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि आपने मौजूदा संकट के बीच में देश को 90 दिनों के लिए बेसहारा छोड़ दिया है। इसी बीच पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने राष्ट्रपति को सूचित किया कि पारदर्शी चुनाव कराने के लिए कम से कम चार महीने की आवश्यकता है।
कोर्ट का फैसला मुझे मंजूर
इमरान खान ने कोर्ट के फैसले से पहले कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा, वह मुझे और मेरी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) को स्वीकार होगा। वहीं मामले की नजाकत को समझते हुए सुरक्षा के दृष्टिकोण से सुप्रीम कोर्ट के बाहर भारी मात्रा में कमांडोज की तैनाती की गई है।
इमरान की गुगली ने सभी को चौंकाया था
पाकिस्तान की राजनीति के लिए रविवार को दिन काफी उतार चढ़ाव भरा रहा। इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होने वाला था लेकिन डिप्टी स्पीकर ने अनुच्छेद 5 का हवाला देते हुए इसे (अविश्वास प्रस्ताव) को खारिज कर दिया और नेशनल असेंबली की कार्यवाही को स्थगित कर दिया और फिर कुछ वक्त के बाद राष्ट्र के नाम संबोधन में इमरान खान ने बताया था कि उन्होंने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से नेशनल असेंबली को भंग करने की सिफारिश की है। देखते ही देखते राष्ट्रपति ने नेशनल असेंबली को भंग कर दिया। जिसके बाद पाकिस्तान चुनावों की तरफ बढ़ गया।
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डिप्टी स्पीकर के फैसले से विपक्ष काफी खफा था। ऐसे में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया है। अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान नहीं होने दिया। संयुक्त विपक्ष संसद नहीं छोड़ रहा है। हमारे वकील सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। हम सभी संस्थानों से पाकिस्तान के संविधान की रक्षा करने, उसे बनाए रखने, बचाव करने और लागू करने का आह्वान करते हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की।
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