पेरिस का ऐतिहासिक गिरजाघर नोट्रे-डेम आग लगने से तबाह

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[email protected] । Apr 16 2019 11:17AM

आग ऐसे समय में लगी है जब गिरजाघर में ईस्टर की तैयारियां की जा रही थीं। आग इतनी भयावह थी कि इसकी लपटे आसमान तक उठ रही थी, जिसे वहां मौजूद पर्यटक देख सन्न रह गए।

पेरिस। पेरिस के ऐतिहासिक गिरजाघर नोट्रे-डेम कैथेड्रल में सोमवार को आग लग गई, हालांकि मुख्य ढांचे को बचा लिया गया है लेकिन आगजनी से ऐतिहासिक इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और सदियों की विरासत खाक हो गई।  फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए नोट्रे-डेम का दोबारा निर्माण कराने का संकल्प लिया है।

आग में सबसे पहले यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित 850 साल पुरानी छत तबाह हुई,और शानदार गॉथिक मीनार वहां मौजूद लोगों के सामने ढह गई।

आग ऐसे समय में लगी है जब गिरजाघर में ईस्टर की तैयारियां की जा रही थीं। आग इतनी भयावह थी कि इसकी लपटे आसमान तक उठ रही थी, जिसे वहां मौजूद पर्यटक देख सन्न रह गए। दमकल विभाग के करीब 400 कर्मियों ने काफी मशक्कत की और वे काफी नुकसान के बावजूद टावर बचाने में कामयाब रहे। पेरिस के दमकल विभाग के प्रमुख जीन-क्लाउड गैलेट ने कहा, ‘‘ हम ऐसा मान सकते हैं कि नोट्रे-डेम कैथेड्रल की प्रमुख संरचना और दो टावरों को बचा लिया गया है। ’’

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वहीं एक सलाहकार स्टीफन सिग्नोरिएरी ने कहा, ‘‘ नोट्रे-डेम सभी यृद्धों और हर प्रकार की बमबारी में सुरक्षित रहा। हमने कभी नहीं सोचा था कि इसमें आग लग सकती है। मैं काफी दुखी हूं।’’ पेरिस आर्कबिशप मिशेल एपेटिट ने पत्रकारों से कहा,‘‘ हम इससे निपट रहे हैं।’’ आग लगने के कारण का अभी तत्काल पता नहीं चल पाया है लेकिन कैथेड्रल में मरम्मत का नाम चल रहा था और दमकल विभाग का कहना है कि यह आग लगने का एक कारण हो सकता है। दमकल विभाग ने बताया कि राहत कार्य के दौरान एक कर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो गया।

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उप गृहमंत्री लॉरेंट नुनेज मौके पर पहुंचे और ‘‘बेहद सावधानी’’ बरतने का आग्रह करते हुए उन्होंने बताया कि इतनी देर में पहली बार आग की लपटे थोड़ी कम हुई हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट कर घटना को ‘‘भयावह’’ बताया लेकिन साथ ही इस पर काबू पाने का तरीका बता एक विवाद खड़ा कर दिया।

उन्होंने लिखा, ‘‘ हवाई वॉटर टैंकर का इस्तेमाल किया जा सकता है। कार्रवाई तेज करें।’’ ट्रंप के इस ट्वीट के बाद फ्रांस की नागरिक सुरक्षा सेवा ने ट्वीट करके जवाब दिया कि पानी गिराने वाले विमानों के इस्तेमाल पर विचार नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा,‘‘ इनके इस्तेमाल से कैथेड्रल का पूरा ढांचा ही ध्वस्त हो सकता है।

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