बांग्लादेश में इस्कॉन पर बैन लगाने की याचिका दायर, यूनुस सरकार ने बताया धार्मिक कट्टरपंथी संगठन
बांग्लादेशी उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है जिसमें देश में हिंदू समुदाय पर हमले तेज होने के कारण इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।
संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में दायर एक रिट याचिका के जवाब में बांग्लादेशी सरकार ने बुधवार को इस्कॉन या इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस को एक "धार्मिक कट्टरपंथी संगठन" कहा। हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी और कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों द्वारा इस्कॉन और अन्य हिंदू मंदिरों को निशाना बनाए जाने पर पूरे बांग्लादेश में व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच यह घटनाक्रम सामने आया है।
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बांग्लादेशी उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है जिसमें देश में हिंदू समुदाय पर हमले तेज होने के कारण इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। याचिका में किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए चटगांव और रंगपुर में आपातकाल लगाने का निर्देश देने की भी मांग की गई है क्योंकि विरोध प्रदर्शनों ने शहरों को हिलाकर रख दिया है। कोर्ट ने इस मुद्दे पर सरकार से पहल की मांग की।
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प्रभु बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। उन्होंने धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा की मांग को लेकर कई विरोध प्रदर्शन भी आयोजित किए हैं। उन्हें 25 नवंबर को ढाका हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया गया और देशद्रोह के आरोप में जेल भेज दिया गया। चटगांव अदालत के बाहर विरोध प्रदर्शन हुआ जिसमें कथित तौर पर भीड़ ने एक वकील की हत्या कर दी।
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