ड्रैगन को सबक सिखाने की तैयारी में अमेरिका, चला ऐसा दांव, संकट में पड़ गया 'भविष्य'!

करीब 2.77 लाख चीनी छात्र हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री माकों रुबियो ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा, जिन छात्रों के संबंध चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से हैं या जो अमेरिका में संवेदनशील विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं, उनके वीसा रद्द किए जाएंगे।
अमेरिका में जब से डोनाल्ड ट्रंप के हाथ में कमान आई है। तब से वीजा और इमिग्रेशन पॉलिसी को लेकर तमाम बदलाव हुए हैं। एक बार फिर से अमेरिका भारत के जानी दुश्मन को इसी पॉलिसी के तहत झटका देने को तैयार है। अमेरिका ने चीन के छात्रों के वीसा रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहां करीब 2.77 लाख चीनी छात्र हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री माकों रुबियो ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा, जिन छात्रों के संबंध चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से हैं या जो अमेरिका में संवेदनशील विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं, उनके वीसा रद्द किए जाएंगे।
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वहीं, सोशल मीडिया गतिविधियों की गहन जांच के लिए भी नई गाइडलाइन तैयार की जा रही हैं। मौजूदा अपॉइंटमेंट्स पर पुराने नियमों के तहत कार्रवाई जारी रहेगी। यह कदम तब उठाया है, जब ट्रम्प प्रशासन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का प्रवेश रोकने की कोशिश में है। हालांकि, अदालत इस पर भी रोक लगा चुकी है।
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ये हैं 5 संभावित कारण
1. अमेरिका को संदेह है कि कुछ चीनी छात्र चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के लिए जासूसी कर सकते हैं।
2. एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में पढ़ाई करने वाले छात्रों पर नजर, क्योंकि अमेरिका का मानना है कि चीनी छात्र तकनीकी और बौद्धिक संपदा की चोरी कर सकते हैं।
3. कट्टरपंथी वामपंथी विचारधारा बढ़ने का डर था।
4. टैरिफ वार के कारण दोनों देशों के बीच बढ़ता तनाव भी इसका बड़ा कारण है।
5. चीनी छात्र अमेरिकी विश्वविद्यालय की आय का बड़ा हिस्सा है, जिसे नियंत्रित करने की कोशिश।
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