लंदन में बांग्लादेशी हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन, खालिस्तानी समर्थक बांग्लादेश सरकार के बचाव में उतरे

Bangladeshi Hindus
ANI
एकता । Dec 28 2025 2:52PM

लंदन में बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए न्याय की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में खालिस्तानी समर्थकों की उपस्थिति ने घटना को नया मोड़ दिया, जहाँ अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार रोकने और बांग्लादेशी सरकार के समर्थन में नारेबाज़ी हुई। प्रदर्शनकारियों ने ईशनिंदा के झूठे आरोपों में हुई हत्याओं और गिरफ्तारी की निंदा की, वहीं भारत सरकार ने भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता जताई।

ब्रिटेन में रहने वाले हिंदू समुदाय ने शनिवार को लंदन स्थित बांग्लादेशी हाई कमीशन के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। 'हिंदुओं के लिए न्याय' नाम से आयोजित इस प्रदर्शन में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की गई। हालांकि, इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान उस समय तनाव बढ़ गया जब कुछ खालिस्तानी समर्थक बांग्लादेशी सरकार के समर्थन में वहां पहुंच गए।

हनुमान चालीसा और नारे

बंगाली हिंदू आदर्श संघ और अन्य भारतीय संगठनों के सदस्यों ने 'हिंदू जीवन मायने रखते हैं' के नारे लगाए और सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया।

डिजिटल वैन से उजागर किए तथ्य

प्रदर्शनकारियों ने एक डिजिटल वैन का उपयोग किया, जिस पर बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा के आंकड़े और तस्वीरें प्रदर्शित की गईं।

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चिन्मय प्रभु और दीपू दास का मुद्दा

प्रदर्शनकारियों ने इस्कॉन संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और ईशनिंदा के झूठे आरोप में दीपू दास की सार्वजनिक लिंचिंग (भीड़ द्वारा हत्या) की कड़ी निंदा की।

खालिस्तानी समर्थकों के साथ आमना-सामना

समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, हिंदू समुदाय के प्रदर्शन के कुछ ही देर बाद वहां खालिस्तानी समर्थक भी पहुंच गए। वे बांग्लादेशी सरकार के समर्थन में झंडे लहराते और नारेबाजी करते देखे गए, जिससे माहौल काफी संवेदनशील हो गया।

बांग्लादेश में बिगड़ते हालात

लंदन में यह गुस्सा बांग्लादेश में हाल ही में हुई दो जघन्य हत्याओं के बाद फूटा है। दीपू चंद्र दास को ईशनिंदा के फर्जी आरोप में भीड़ ने उन्हें आग लगा दी थी। अमृत मंडल की 24 दिसंबर को राजबाड़ी जिले में भीड़ ने पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी थी।

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भारत सरकार की प्रतिक्रिया

भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इन घटनाओं पर गहरी चिंता जताई है। मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों के खिलाफ चरमपंथियों द्वारा बढ़ती हिंसा एक गंभीर वैश्विक मुद्दा है। प्रदर्शनकारियों ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।

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