पुतिन ने मजाक बनाया, मस्क ने हाथ छुड़ाया, कोर्ट ने टैरिफ प्लान अटकाया, भारत को धमकाने के 15 दिनों बाद बर्बाद हुए ट्रंप

Trump
@narendramodi
अभिनय आकाश । May 29 2025 7:11PM

ट्रंप ने यूक्रेन को रूस से बचाने के लिए पर्दे के पीछे जेलेंस्की से एक डील कर ली है। इस डील के तहत जेलेंस्की सीजफायर के बाद ट्रंप को यूक्रेन के खनीज भंडार दे सकते हैं। लेकिन पुतिन ने इसे रूस के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। पुतिन ने साफ कर दिया कि वो जल्दबाजी में कोई सीजफायर नहीं करेंगे।

जिस दिन से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को धमकी देनी शुरू की है। उसी दिन से डोनाल्ड ट्रंप की किस्मत उनका साथ छोड़ती दिख रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं। अब तो कई बड़े बड़े अमेरिकी एक्सपर्ट्स भी भारत विरोधी कदम उठाने के लिए ट्रंप को कोस रहे हैं। एक अमेरिकी एक्सपर्ट ने कहा कि भारत दुनिया का एकलौता 88 घंटे में पाकिस्तान से जंग जीत ली। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप अभी भी पाकिस्तान के साथ खड़े हैं। अब इसे कर्मों का फल कहेंगे कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के लिए एक साथ कई बुरी खबरें आई हैं। डोनाल्ड ट्रंप के लिए पहली और सबसे बुरी खबर रूस से आई है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ट्रंप पर सबसे बड़ा हमला बोल दिया है। अमेरिका और रूस के बीच जुबानी जंग तेज हो चुकी है। पुतिन पर ट्रंप की टिप्पणी के बाद अब रूस भड़क गया है। पुतिन की तरफ से तीसरे विश्व युद्ध की धमकी दी गई है और साफ कहा गया है कि ट्रंप जिस तरीके से बयानबाजी कर रहे हैं, जिस तरीके से भिड़ने की कोशिश कर रहे हैं, उसका नतीजा सिर्फ एक दिखाई दे रहा है और वो तीसरा विश्व युद्ध है।

ट्रंप ने कहा था कि रूसी राष्ट्रपति यूक्रेन के साथ युद्ध विराम वार्ता में शामिल होने से इनकार करके आगे आग से खेल रहे हैं। अगर वे नहीं होते तो रूस में बहुत सारी बुरी चीजें पहले ही हो चुकी होती। ट्रंप ने पुतिन को पागल तक कह दिया था। अब व्लादिमीर पुतिन ने ट्रंप के अहंकार पर सबसे बड़ी चोट की है। पुतिन ने ट्रंप को सीधे सीधे चुनौती दी है। खबर है कि ट्रंप रूस पर यूक्रेन के साथ जबरदस्ती सीजफायर करने का दबाव बना रहे थे। ट्रंप ने यूक्रेन को रूस से बचाने के लिए पर्दे के पीछे जेलेंस्की से एक डील कर ली है। इस डील के तहत जेलेंस्की सीजफायर के बाद ट्रंप को यूक्रेन के खनीज भंडार दे सकते हैं। लेकिन पुतिन ने इसे रूस के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। पुतिन ने साफ कर दिया कि वो जल्दबाजी में कोई सीजफायर नहीं करेंगे। 

इसे भी पढ़ें: उसूलों पे जहां आंच आये टकराना जरूरी है...130 दिनों में ही Team Trump से मस्क के ड्रामेटिक Exit का MRI स्कैन

पुतिन के इस बयान के बाद ट्रंप भड़क गए। रिपोर्ट बताती है कि पुतिन के इस बयान के बाद ही ट्रंप के कहने पर यूक्रेन ने मॉस्को एयरपोर्ट पर हमले कर दिए। यूक्रेन ने पुतिन के हेलीकॉप्टर पर भी हमला कर दिया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्लेन को उड़ाने के लिए यूक्रेन की तरफ से ताबड़तोड़ ड्रोन दागे गए। ड्रोन से ऐसा हमला किया गया कि पुतिन इसकी चपेट में आ जाते तो तुरंत उनकी मौत हो जाती। लेकिन इन सब से बेपरवाह पुतिन ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला कर दिया। इस हमले के बाद रूस ने यूक्रेन के चार और गांवों पर कब्जा कर लिया। यानी रूस ने अभी तक यूक्रेन की जितनी जमीन कब्जाई थी उनमें अब यूक्रेन के चार गांव और जोर लिए।

इसे भी पढ़ें: Trump को बड़ा झटका, 'लिबरेशन डे' टैरिफ पर अमेरिकी कोर्ट ने लगाई रोक

ट्रंप को दूसरा झटका उनके ही दोस्त से मिला है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने एक्स पर पोस्ट करते हुए ये ऐलान कर दिया कि वो ट्रंप सरकार में डीओजीई का पद छोड़ रहे हैं। एलन मस्क ने एक्स पर लिखा कि मेरा विशेष सरकारी कर्मचारी के रूप में मेरा निर्धारित समय समाप्त हो रहा है, मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को व्यर्थ व्यय को कम करने के अवसर के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ। DOGE मिशन समय के साथ और मजबूत होता जाएगा क्योंकि यह पूरे सरकार में जीवन का एक तरीका बन जाएगा। बहरहाल, एलन मस्क ने तो इतना ही बताया। लेकिन अंदर की खबर ये है कि एलन मस्क डोनाल्ड ट्रंप से नाराज हैं। एलन मस्क का मानना है कि जिस फिजूल खर्ची को रोकने के लिए उन्हें चुना गया था। वहीं फिजूल खर्च ट्रंप खुद कर रहे हैं। 

इसे भी पढ़ें: शहबाज ने ईरान में ऐसा क्या किया? खामनेई ने भरी सभा में बेइज्जत किया!

ट्रंप को तीसरा झटका अमेरिका की कोर्ट ने दे दिया है। अमेरिका की एक संघीय व्यापार अदालत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को आयातित वस्तुओं पर नए टैरिफ लगाने से रोक दिया है और कहा है कि उन्होंने कानून द्वारा उन्हें दी गई शक्तियों का अतिक्रमण किया है। मामला 2 अप्रैल को ट्रम्प द्वारा घोषित टैरिफ के बारे में था। इन टैरिफ में ज़्यादातर आयातों पर 10% कर जोड़ा जाता, साथ ही चीन और यूरोपीय संघ से आने वाले सामानों पर और भी ज़्यादा कर लगाया जाता। उन्होंने इस योजना को लिबरेशन डे बताया था। हालांकि बाद में उन्होंने अन्य देशों के साथ सौदे करने की कोशिश करते हुए कुछ हाई टैरिफ को होल्ड कर दिया। हालाँकि, न्यूयॉर्क स्थित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार न्यायालय के तीन न्यायाधीशों के एक पैनल ने फैसला सुनाया कि ट्रम्प को अकेले इस तरह के व्यापक टैरिफ परिवर्तन करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।

Stay updated with Latest International News in Hindi on Prabhasakshi  

All the updates here:

अन्य न्यूज़