रूस के अंतिम जार की हत्या के 100 वर्ष पूरे होने पर 100000 लोगों ने मार्च निकाला
बोल्शेविकों के हाथों रूस के अंतिम जार निकोलस द्वितीय और उनके परिवार की हत्या के 100 वर्ष पूरे होने पर रूसी ऑर्थोडॉक्स पैट्रियाक किरिल ने करीब 1,00,000 लोगों के जुलूस का नेतृत्व किया।
येकातेरिनबर्ग (रूस)। बोल्शेविकों के हाथों रूस के अंतिम जार निकोलस द्वितीय और उनके परिवार की हत्या के 100 वर्ष पूरे होने पर रूसी ऑर्थोडॉक्स पैट्रियाक किरिल ने करीब 1,00,000 लोगों के जुलूस का नेतृत्व किया। रूस के शक्तिशाली चर्च के प्रमुख के नेतृत्व में आज तड़के शुरू हुआ मार्च जार और उसके परिवार की हत्या की जगह से शुरू होकर येकातेरिनबर्ग पहुंचा।
मार्च जब 21 किलोमीटर की दूरी तय करके गानिना यामा स्थित मॉनेस्ट्री पहुंचा तो करीब 20,000 लोग उसमें जुड़े। मार्च में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए पैट्रियाक किरिल ने कहा कि रूस को इस दुखद और कठोर अनुभव से सीख लेनी चाहिए। राज्य की ओर से इस अवसर पर कोई आधिकारिक आयोजन नहीं किया गया था। क्षेत्रीय अधिकारियों का कहना है कि इस वार्षिक आयोजन की शोहरत पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है। 2002 में आयोजित ऐसे ही मार्च में करीब 2000 लोगों ने हिस्सा लिया था।
गौरतलब है कि 1917 की बोल्शेविक क्रांति के बाद निकोलस द्वितीय ने अपना पद छोड़ दिया था और अपने परिवार तथा अन्य लोगों के साथ तत्कालीन स्वर्दलोव्स्क (मौजूदा येकातेरिनबर्ग) में रह रहे थे। 1918 में 16-17 जुलाई की दरमियानी रात में बोल्शेविकों ने निकोलस द्वितीय, जर्मन मूल की उनकी पत्नी, पांच बच्चों, नौकरों और डॉक्टर की हत्या कर दी थी। गौरतलब है कि निकोलस द्वितीय, उनकी पत्नी और तीन बच्चों के अवशेष 1998 में अंतिम संस्कार के लिए सेंट पिटर्सबर्ग लाये गये थे, लेकिन ऑर्थोडॉक्स चर्च ने पूर्ण रीति- रिवाज के साथ अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था। जार के अन्य दो बच्चों - पुत्र एलेक्सी और पुत्री मारिया के अवशेष 2007 में मिले , लेकिन उन्हें कभी दफनाया नहीं गया। रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च में अभी भी इस बात को लेकर मतभेद है कि ये अवशेष रूस के शाही परिवार के सदस्यों के ही हैं।
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