रूस ने विकसित किया दुनिया का पहला कोरोना टीका, अमेरिका को संदेह

corona vaccine

ताइवान की यात्रा पर पहुंचे अजार से एबीसी ने मंगलवार को पूछा कि रूस की इस घोषणा के बारे में वह क्या सोचते हैं कि वह कोरोना वायरस के टीके का पंजीकरण करने वाला पहला देश बन गया है।

मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को घोषणा की कि उनके देश ने कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया का पहला टीका विकसित कर लिया है जो कोविड-19 से निपटने में ‘‘बहुत प्रभावी ढंग से’’ काम करता है और ‘‘एक स्थायी रोग प्रतिरोधक क्षमता’’ का निर्माण करता है। इसके साथ ही उन्होंने खुलासा किया कि उनकी बेटियों में से एक को यह टीका पहले ही दिया जा चुका है। पुतिन ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के खिलाफ आज सुबह दुनिया में पहली बार एक टीके का पंजीकरण किया गया है।’’ आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘तास’ ने पुतिन के हवाले से कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि यह बहुत ही प्रभावी ढंग से काम करता है और एक स्थायी रोग प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण करता है।’’ पुतिन की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स अजार ने कहा है कि कोविड-19 का पहला टीका बनाने की जगह कोरोना वायरस के खिलाफ एक प्रभावी और सुरक्षित टीका बनाना ज्यादा महत्वपूर्ण है। 

इसे भी पढ़ें: क्या रूस ने बना लिया है 'पहला' कोरोना वैक्सीन? राष्ट्रपति पुतिन की बेटी को लगाया गया पहला टीका

ताइवान की यात्रा पर पहुंचे अजार से एबीसी ने मंगलवार को पूछा कि रूस की इस घोषणा के बारे में वह क्या सोचते हैं कि वह कोरोना वायरस के टीके का पंजीकरण करने वाला पहला देश बन गया है। अजार ने कहा, ‘‘विषय पहले टीका बनाने का नहीं है। विषय ऐसा टीका बनाने का है जो अमेरिकी लोगों और विश्व के लोगों के लिए सुरक्षित तथा प्रभावी हो।’’ उन्होंने कहा कि टीके की सुरक्षा और इसके प्रभाव को साबित करने के लिए पारदर्शी डेटा का होना महत्वपूर्ण है। इंपीरियल कॉलेज लंदन में रोग प्रतिरोधक क्षमता विज्ञान के प्रोफेसर डैनी आल्टमैन ने साइंस मीडिया सेंटर से कहा कि पूर्ण परीक्षण से पहले टीका जारी किए जाने से चिंताएं बढ़ गई हैं। सीएनएन ने उनके हवाले से कहा कि मानकों के अनुरूप तीसरे चरण के परीक्षण के बाद ही टीके को मंजूरी मिलनी चाहिए। बीबीसी के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन ने टीके से जुड़ी स्वास्थ्य चिंताओं के बीच पिछले सप्ताह रूस से कहा था कि वह कोविड-19 का टीका बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का पालन करे। रूस का टीका विश्व स्वास्थ्य संगठन के उन छह टीकों की सूची में नहीं है जो तीसरे चरण के परीक्षण की स्थिति में पहुंच चुके हैं। ‘स्पूतनिक न्यूज’ के अनुसार पुतिन ने टीके के विकास और पंजीकरण का दावा एक सरकारी बैठक में किया और कहा कि यह ‘‘विश्व के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण कदम’’ है।

इसे भी पढ़ें: रूस के कोविड-19 टीके की सुरक्षा को लेकर अमेरिका को संदेह, कहा- 'टीका विश्व के लोगों के लिए सुरक्षित होना जरूरी'

पुतिन ने कहा कि उनकी एक बेटी परीक्षण में शामिल हुई और उसे टीका दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘पहले टीके के बाद उनकी बेटी के शरीर का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस था, अगले दिन यह 37 डिग्री सेल्सियस से थोड़ा अधिक था। दूसरे टीके के बाद उसका तापमान कुछ बढ़ा और फिर सब ठीक हो गया। वह अच्छा महसूस कर रही है और एंटीबॉडी स्तर अधिक है।’’ पुतिन ने कहा, ‘‘यह (टीका) बहुत प्रभावी तरीके से काम करता है और स्थायी रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है।’’ राष्ट्रपति ने कोरोना वायरस के खिलाफ पहले टीके पर काम करने वाले सभी लोगों का धन्यवाद व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि रूस निकट भविष्य में बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन शुरू करने में सक्षम होगा। रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने कहा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ पहले टीके का उत्पादन दो स्थानों - गमालेया रिसर्च इंस्टिट्यूट और बिनोफार्म कंपनी में शुरू होगा। उन्होंने कहा कि कई देश पहले ही इस टीके को लेकर अपनी रुचि दिखा चुके हैं। रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) उत्पादन और विदेश में टीके के प्रचार-प्रसार में निवेश कर रही है। टीका गमालेया रिसर्च इंस्टिट्यूट और रूस के रक्षा मंत्रालय ने सुयंक्त रूप से विकसित किया है। इसका परीक्षण 18 जून को शुरू हुआ था जिसमें 38 स्वयंसेवी शामिल थे। इन सभी प्रतिभागियों में कोविड-19 के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गई। पहले समूह को 15 जुलाई और दूसरे समूह को 20 जुलाई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़