यूक्रेन संकट पर रूस ने विश्व को गुमराह किया :नाटो

NATO

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण करने की आशंका पश्चिम देशों में बढ़ने के साथ-साथ बृहस्पतिवार को उस सीमा रेखा पर तनाव भी बढ़ गया, जो यूक्रेन के पूर्व में यूक्रेनी सैनिकों को रूस समर्थित अलगावादियों से अलग करता है। दरअसल, दोनों पक्षों ने भारी गोलाबारी के एक दूसरे पर आरोप लगाये हैं।

कीव|  उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सहयोगी देशों ने रूस पर आरोप लगाया है कि उसने अपने कुछ सैनिकों को सैन्य अड्डों पर वापस लाने की बात कह कर विश्व को गुमराह किया और गलत सूचना का प्रसार किया, जबकि उसने यू्क्रेन से लगी अपनी सीमा के पासकरीब 7,000 सैनिक और बढ़ा दिए।

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण करने की आशंका पश्चिम देशों में बढ़ने के साथ-साथ बृहस्पतिवार को उस सीमा रेखा पर तनाव भी बढ़ गया, जो यूक्रेन के पूर्व में यूक्रेनी सैनिकों को रूस समर्थित अलगावादियों से अलग करता है। दरअसल, दोनों पक्षों ने भारी गोलाबारी के एक दूसरे पर आरोप लगाये हैं।

हफ्ते की शुरूआत में तनाव घटाने वाले रूस से कुछ संकेत मिलने के बाद स्थिति फिर से विपरीत दिशा में जाती प्रतीत हो रही है। नाटो प्रमुख ने कूटनीतिक समाधान के लिए प्रयास जारी रखने की रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन की पेशकश का स्वागत किया है लेकिन उन्होंने और अन्य ने चेतावनी दी है कि अमेरिका नीत गठबंधन ने सैनिकों की वह वापसी अब तक नहीं देखी है जिसकी मास्को ने घोषणा की थी।

ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालेस ने ब्रसेल्स में पश्चिमी देशों के गठबंधन की एक बैठक से पहले कहा, ‘‘हमने बयानों के कुछ उलट देखा है। हमने पिछले 48 घंटे में सैनिकों की संख्या में 7,000 तक की वृद्धि देखी है। ‘‘ उन्होंने कहा, ‘‘हम काफी गंभीर हैं और खतरे का सामना करने जा रहे हैं, जो अभी पैदा किया जा रहा है।

’’उनका यह बयान बुधवार को अमेरिकी प्रशासन के अधिकारी के बयान के समान है। उल्लेखनीय है रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास अपने 1,50,000 सैनिकों को जमा कर रखा है, जिससे यूक्रेन पर आसन्न हमले का अंदेशा पैदा हो गया है। ब्रिटेन के सशस्त्र बल मंत्री जेम्स हीप्पी ने सैनिकों को वापस बुलाने के रूस के दावे को गलत सूचना का प्रसार करना बताया।

इस सप्ताह रूस ने कई बार कहा कि वह अपने कुछ सैनिकों को सैन्य अड्डों पर वापस बुला रहा है। इस बीच, बृहस्पतिवार को नाटो के सहयोगी देशों ने चेतावनी दी कि वे किसी भी आक्रमण का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं।

वालेस ने कहा, ‘‘इस सैन्य जमावड़े-रूस के जमीनी लड़ाकू बल का करीब 60 प्रतिशत- का परिणाम आपको विपरीत प्रभाव देगा।’’ इस बीच, यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में तनाव बढ़ गया है जहां रूस समर्थित अलगाववादी 2014 से यूक्रेनी सैनिकों से लड़ रहे हैं। बृहस्पतिवार को लुशांक क्षेत्र में यूक्रेन की गोलाबारी बढ़ गई, जिसे एक उकसावे के तौर पर देखा जा रहा है। लुशांक क्षेत्र में अलगाववादी अधिकारियों ने तनावपूर्ण संपर्क रेखा पर यूक्रेन की ओर से भारी गोलाबारी दर्ज की है और इसे बड़े पैमाने पर उकसावा करार दिया है।

अलगावादी अधिकारी रोडियन मिरोशनीक ने कहा कि विद्रोही सैनिकों ने जवाबी गोलाबारी की। हालांकि, यूक्रेन ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कहा कि अलगावादियों ने उसके सैनिकों पर गोलाबारी की लेकिन उन्होंने जवाबी गोलाबारी नहीं की।

यूक्रेन सैन्य कमान ने आरोप लगाया है कि गोला स्तानयीत्सिया लुशांका में एक इमारत पर गिरा, जिसमें दो आम आदमी घायल हो गये और आधे शहर की बिजली आपूर्ति कट गई।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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