रूस-यूक्रेन युद्ध को देख कर बोस्निया के निवासियों की 1990 की लड़ाई की यादें ताजा हो गई

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यूक्रेन की राजधानी कीव और अन्य शहरों में रूस द्वारा की जा रही बमबारी की खबरों को देखकर बोस्निया के लोगों की, 1990 के दशक की लड़ाई की यादें ताजा हो गई। अमरा मुफ्तिक ने कहा, ‘‘ लंबा समय नहीं हुआ जब हम भी उनकी तरह थे।’’

साराजेवो। यूक्रेन की राजधानी कीव और अन्य शहरों में रूस द्वारा की जा रही बमबारी की खबरों को देखकर बोस्निया के लोगों की, 1990 के दशक की लड़ाई की यादें ताजा हो गई। अमरा मुफ्तिक ने कहा, ‘‘ लंबा समय नहीं हुआ जब हम भी उनकी तरह थे।’’ उल्लेखनीय है कि युगोस्लाविया के खूनी संघर्ष के दौरान बोस्नियाई सर्ब सैनिकों ने वर्ष 1990 की शुरुआत में साराजेवो को घेर लिया था। इसकी वजह से करीब 3.5 लाख लोग 46 महीनों तक फंसे रहे और रोजाना गोलाबारी और बिजली नहीं रहने, खाना-पानी और दवाओं की कमी और बाकी दुनिया से कटने का दर्द सहते रहे।

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साराजेवो की घेराबंदी के दौरान करीब एक हजार बच्चों सहित 11 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी जबकि काफी संख्या में लोग घायल हुए थे। पेशे से एनीथिसियालॉजिस्ट एल्मा वुकोअिक ने कहा, ‘‘हम जानते हैं वे कैसे महसूस कर रहे हैं। हम आधुनिक इतिहास में सबसे लंबे समय तक घेराबंदी का सामना करने वाले लोग हैं।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘ सभी युद्ध पीड़ादायक होते हैं, सभी हमले आम लोगों के खिलाफ घृणित होते हैं लेकिन यूक्रेन में इस समय जो हो रहा है वह हमारे लिए दर्दनाक है क्योंकि वे हमारे बहुत करीब हैं और उनकी स्थिति लगभग वैसी ही है जैसी तीन दशक पहले हमारीथी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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