आतंकवाद रोधी विधेयक पर Sri Lanka के उत्तरी, पूर्वी प्रांतों में प्रदर्शन

Sri Lanka
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

नया आतंकवाद विरोधी अधिनियम (एटीए), 1979 के कुख्यात आतंकवाद निवारण अधिनियम (पीटीए) की जगह लेगा। पीटीए को 1979 में तमिल अल्पसंख्यक उग्रवादी समूहों की अलगाववादी हिंसा के अभियान का मुकाबला करने के लिए एक अस्थायी व्यवस्था के रूप में पेश किया गया था।

श्रीलंका में आतंकवाद से मुकाबले के लिए कठोर कानून की जगह लाए जा रहे नए विवादित आतंकवाद रोधी विधेयक के मसौदे के खिलाफ मुख्य तमिल पार्टी तमिल नेशनल अलायंस ने मंगलवार को देश के उत्तरी और पूर्वी प्रांतों में प्रदर्शन किया जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। नया आतंकवाद विरोधी अधिनियम (एटीए), 1979 के कुख्यात आतंकवाद निवारण अधिनियम (पीटीए) की जगह लेगा। पीटीए को 1979 में तमिल अल्पसंख्यक उग्रवादी समूहों की अलगाववादी हिंसा के अभियान का मुकाबला करने के लिए एक अस्थायी व्यवस्था के रूप में पेश किया गया था।

प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धना ने एक अप्रैल को संवाददाताओं से कहा कि नया आतंकवाद विरोधी कानून इस महीने के अंत में पेश किया जाएगा। दोनों प्रांतों के राजनीतिक सूत्रों ने कहा कि नए आतंकवाद रोधी अधिनियम (एटीए) के खिलाफ तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) ने यह विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने बताया कि उत्तरी जाफना के तेनमराच्ची, कोडिकमम और चवाकचेरी में तीन संभागों में सभी दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद होने से जनजीवन प्रभावित रहा। मार्च के मध्य में सरकार ने पीटीए की जगह एक नया विधेयक तैयार किया था।

देश के उत्तर और पूर्व में एक अलग तमिल मातृभूमि स्थापित करने के लिए तीन दशकों में लिट्टे के सशस्त्र संघर्ष के दौरान सरकारी सैनिकों द्वारा पीटीए का व्यापक रूप से उपयोग किया गया था। अंतरराष्ट्रीय अधिकार समूहों और तमिल पार्टियों ने पीटीए के प्रावधानों की निंदा की है जो अदालतों में आरोप दायर किए बिना कई वर्षों तक मनमाने ढंग से हिरासत में रखने की अनुमति देता है। लिट्टे के साथ शामिल होने के आरोप में तमिलों को बिना किसी आरोप के 20 से अधिक वर्षों तक गिरफ्तार किए जाने के उदाहरण सामने आए हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़