तिब्बत के निर्वासित नेता को ट्रंप से समर्थन की उम्मीद

[email protected] । Feb 14 2017 12:27PM

तिब्बत की निर्वासित सरकार के स्वघोषित प्रधानमंत्री ने कहा है कि उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से तिब्बतवासियों और बीजिंग के बीच संवाद का समर्थन करने की बहुत उम्मीदें हैं।

तोक्यो। तिब्बत की निर्वासित सरकार के स्वघोषित प्रधानमंत्री ने कहा है कि उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से तिब्बतवासियों और बीजिंग के बीच संवाद का समर्थन करने की बहुत उम्मीदें हैं, जैसा कि अमेरिका के पूववर्ती राष्ट्रपतियों ने किया है। तिब्बत के प्रधानमंत्री लोबसांग सांगेय ने सोमवार को तोक्यो में विदेशी पत्रकारों से कहा, कि ‘‘यह बात महत्व रखती है’’ कि अमेरिका क्या कहता है और क्या करता है। तिब्बत के लोगों को इस बात को लेकर ‘‘आशान्वित’’ रहना चाहिए कि अमेरिका एक मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है।

पूर्ववर्ती अमेरिकी प्रशासन ने ‘एक चीन’ की नीति को माना है लेकिन उन्होंने निर्वासित तिब्बती लोगों और बीजिंग के बीच दलाई लामा के ‘मध्य मार्ग’ रूख के तहत वार्ता का समर्थन किया था। यह रूख चीनी शासन के तहत क्षेत्रीय स्वायत्ता की मांग करता है। अमेरिकी विदेश मंत्री के लिये पुष्टि के दौरान रेक्स टिलरसन ने सीनेटर के सवाल पर अपने लिखित जवाब में कहा था कि वह बीजिंग और निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रतिनिधियों अथवा दलाई लमाा के बीच संवाद का समर्थन करना जारी रखेंगे। उन्होंने दलाई लामा से मुलाकात का भी वादा किया था।

उल्लेखनीय है कि चीन, तिब्बत की निर्वासित सरकार को मान्यता नहीं देता और उसने 2010 से आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के प्रतिनिधियों से कोई बीतचीत नहीं की है। दलाई लामा और उनके समर्थक 1959 में चीनी शासन के खिलाफ असफल विद्रोह के बाद तिब्बत से भागकर भारत के धर्मशाला में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं। चीन का कहना है कि तिब्बत पिछली सात सदियों से भी ज्यादा समय से उनके क्षेत्र का हिस्सा है, जबकि तिब्बतियों का कहना है कि अधिकांश समय वह प्रभावी ढंग से स्वतंत्र देश रहा है। जापानी अधिकारियों के साथ बैठक के लिए तोक्यो आए लोबसांग सांगेय ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे से अपील की कि वह ट्रंप के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने में अपना दृष्टिकोण साझा करें।

सप्ताहांत पर ट्रंप के साथ बातचीत करके और गोल्फ खेलने के बाद अबे कल शाम अमेरिका से वापस लौटने वाले थे। अबे दुनिया के एक मात्र ऐसे नेता हैं, जो ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से दो बार उनसे मुलाकात कर चुके हैं।

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