अमेरिकी सरकार की कई वेबसाइटों का होगा भारतीय भाषाओं में अनुवाद, ये भाषाएं होंगी शामिल

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अमेरिका की संघीय वेबसाइट का हिंदी, गुजराती और पंजाबी भाषा में अनुवाद कराने की सिफारिश की है।बैठक में यह भी सुझाव दिया गया था कि लोक एवं आपात चेतावनियों तक ऐसे लोगों की पहुंच भी होनी चाहिए, जिन्हें अंग्रेजी में दक्षता हासिल नहीं है।

वाशिंगटन।अमेरिका के राष्ट्रपति आयोग ने व्हाइट हाउस और अन्य संघीय एजेंसियों की वेबसाइट का एशियाई-अमेरिकी तथा प्रशांत क्षेत्र के लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं में अनुवाद कराने की सिफारिश की है। इन भाषाओं में हिंदी, गुजराती और पंजाबी भी शामिल हैं। ‘प्रेसीडेंट्स एडवायजरी कमीशन ऑन एशियन अमेरिकन्स (एए), नेटिव हवाइयन्स एंड पैसेफिक आइलैंडर्स (एनएचपीआई)’ ने इन भाषाओं को शामिल करने संबंधी सिफारिशों को हाल ही में मंजूरी दी थी।

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आयोग की इस माह की शुरुआत में हुई बैठक में सुझाव दिया गया था कि संघीय एजेंसियों को अपनी वेबसाइट पर मौजूद अहम दस्तावेज, डिजिटल सामग्री और आवेदन ‘एए’ तथा ‘एनएचपीआई’ द्वारा बोली जानी वाली भाषाओं में उपलब्ध कराने चाहिए। बैठक में यह भी सुझाव दिया गया था कि लोक एवं आपात चेतावनियों तक ऐसे लोगों की पहुंच भी होनी चाहिए, जिन्हें अंग्रेजी में दक्षता हासिल नहीं है। इसमें यह भी अनुशंसा की गई थी कि संघीय सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपात/आपदा रोधी अभियान, नीति निर्माण, प्रतिक्रिया प्रबंधन एवं अन्य योजनाएं समावेशी हों तथा अंग्रेजी पर मजबूत पकड़ न रखने वाली आबादी के अनुभवों को प्रतिबिंबित करती हों। इन सुझावों को अब व्हाइट हाउस भेजा गया है, जिन पर राष्ट्रपति जो बाइडन कोई निर्णय लेंगे।

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ऐसा नहीं है कि ये सुझाव एकाएक दिए गए हैं, बल्कि ये तब से लंबित हैं, जब भारतीय-अमेरिकी अजय जैन भूटोरिया ने डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार रहे बाइडन के लिए राष्ट्रपति चुनाव के दौरान कई भाषाओं में प्रचार किया था और बाइडन चुनाव जीत गए थे। हिंदी, गुजराती, पंजाबी और तेलुगु भाषाओं में किए गए प्रचार ने सुमदाय पर काफी प्रभाव डाला था। भूटोरिया एक जाने-माने कारोबारी और इस आयोग के सदस्य हैं। उन्होंने बैठक में कहा कि लोगों को किसी खास में ही सूचना उपलब्ध कराने से सूचना अधिक लोगों तक नहीं पहुंच पाएगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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