UK के समूह ने भारत से राष्ट्रमंडल में राजशाही के विरोध में अग्रणी भूमिका निभाने की अपील की

India to take lead
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‘रिपब्लिक’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ग्राहम स्मिथ ने ताजा जनमत सर्वेक्षण का हवाला देते हुए दावा किया कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद से राजशाही के लिए समर्थन में कमी आई है।

ब्रिटेन में निर्वाचित राष्ट्राध्यक्ष के लिए अभियान चला रहे देश के सबसे बड़े राजशाही-विरोधी समूह ‘रिपब्लिक’ ने सोमवार को कहा कि भारत राष्ट्रमंडल में इस बात को रेखांकित करने के लिए प्रमुख भूमिका निभा सकता है कि संगठन ब्रिटेन के शाही परिवार के साथ अटूट रूप से जुड़ा हुआ नहीं है। ‘रिपब्लिक’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ग्राहम स्मिथ ने ताजा जनमत सर्वेक्षण का हवाला देते हुए दावा किया कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद से राजशाही के लिए समर्थन में कमी आई है।

महारानी के उत्तराधिकारी महाराजा चार्ल्स तृतीय के छह मई को होने वाले राज्याभिषेक से पहले समूह ट्राफलगर स्क्वायर में और मध्य लंदन में 74 वर्षीय चार्ल्स के राज्याभिषेक जुलूस के मार्ग में ‘नॉट माई किंग’ के बैनर तले प्रदर्शन करने की योजना को अंतिम रूप दे रहा है। स्मिथ ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये गए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत हमें याद दिला सकता है कि राष्ट्रमंडल और राजशाही आपस में जुड़े नहीं हैं। भारत ने राजशाही से छुटकारा पाने के लिए और ‘क्राउन’ से अलग होने तथा गणराज्य बनने के लिए बहुत समय पहले सही निर्णय लिया था। इस बात की मजबूती से पुष्टि होती है कि राष्ट्रमंडल किसी तरह से भी राजशाही से जुड़ा नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘रिपब्लिक का आंदोलन और राजशाही से छुटकारा पाने का प्रयास कुछ ऐसा है, जिसमें अन्य राष्ट्रमंडल देश शामिल होने जा रहे हैं, जहां अभी राजशाही है। मुझे लगता है कि वे ऐसा करेंगे। हम निश्चित रूप से कैरेबियन देशों के इर्दगिर्द राजशाही से छुटकारा पाने के लिए अगले कुछ वर्षों में बड़ा कदम देखेंगे।’’ राष्ट्रमंडल में 56 सदस्य राष्ट्र हैं, जिनमें अधिकतर ब्रिटिश साम्राज्य के पूर्व क्षेत्र हैं।

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