द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए अगले सप्ताह India की यात्रा करेंगे US Security Advisor

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भारत और अमेरिका के संबंधों को मतबूती प्रदान करने उद्देश्य से अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन अगले सप्ताह भारत यात्रा पर जायेंगे। इस दौरान वे भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात कर भारत-प्रशांत पर विचार विमर्श करेंगे। सुलिवन की फरवरी में प्रस्तावित यात्रा वैश्विक प्रतिबद्धताओं के कारण रद्द हो गयी थी।

वाशिंगटन । अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन अगले सप्ताह भारत यात्रा पर जायेंगे जहां वह भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात कर भारत-प्रशांत पर विचार विमर्श करेंगे तथा प्रौद्योगिकी सहयोग पर चर्चा करने के अलावा अमेरिका-भारत संबंधों को अगले स्तर पर ले जाने पर भी करेंगे। उम्मीद है कि सुलिवन महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों (आईसीईटी) पर पहल के वास्ते वार्षिक समीक्षा बैठक के लिए डोभाल से मिल सकते हैं। इससे पहले इस साल फरवरी में उनकी भारत यात्रा अन्य वैश्विक प्रतिबद्धताओं के कारण रद्द हो गयी थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के एक करीबी सहयोगी की भारत यात्रा विदेश सचिव विनय क्वात्रा की यात्रा के तुरंत बाद होगी। क्वात्रा अमेरिकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के लिए अमेरिका में हैं। क्वात्रा रक्षा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए उद्योग जगत के प्रमुखों के साथ बातचीत भी कर रहे हैं। व्हाइट हाउस प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपनी यात्रा की तारीख की घोषणा किए बिना कहा, ‘‘सुलिवन हमारे द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करने, हिंद-प्रशांत पर विचारों का आदान प्रदान करने और प्रौद्योगिकी सहयोग में अगले कदमों के बारे में बात करने के लिए अगले सप्ताह भारत में होंगे। हमें लगता है कि अमेरिका-भारत संबंधों को अगले स्तर पर ले जाने के लिए ये सभी प्रभावी, विवेकपूर्ण तत्व हैं।’’ वह बुधवार को जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो की आधिकारिक यात्रा पर एक एक प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। किशिदा 9 अप्रैल से अमेरिका की यात्रा पर हैं। 

वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी से पूछा गया कि पूर्वी एशिया में संधि सहयोगियों के साथ गहरी होती सैन्य, रक्षा और सुरक्षा साझेदारी के संदर्भ में अमेरिका भारत के बारे में क्या सोचता है और क्या अमेरिका भारत को इस तंत्र के हिस्से के रूप में देखता है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यदि आप राष्ट्रपति से सवाल करें, तो जिन चीजों पर उन्हें सबसे अधिक गर्व है, उनमें से एक अमेरिका और भारत के बीच मजबूत संबंध बनाने के उनके प्रयास हैं। और मेरा मानना है कि हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर दोनों में और प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख मुद्दों पर, अमेरिका और भारत पहले से कहीं अधिक निकटता से मिलकर काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, मैं बस इतना कहूंगा कि मुझे लगता है कि अमेरिका-भारत संबंध काफी हद तक सकारात्मक दिशा में बढ़ रहे हैं और सुरक्षा, खुफिया, प्रौद्योगिकी, लोगों के बीच संबंध - हर संभव क्षेत्र में हमारे जुड़ाव का स्तर उत्कृष्ट रहा है। 

अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों को बताया था कि बाइडन प्रशासन अपनी प्रमुख रक्षा साझेदारी के तहत अमेरिका-भारत संबंधों में एक नया अध्याय शुरू कर रहा है। उन्होंने कहा, हमारी सेनाएं हिंद महासागर में समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त अभ्यास, सूचना-साझाकरण और अन्य परिचालन गतिविधियों में तेजी ला रही हैं। ऑस्टिन ने कहा, “भारतीय सेना की क्षमताओं को बढ़ाकर, हम व्यापक हिंद-प्रशांत में शक्ति का अधिक स्थिर संतुलन बनाए रखने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि अमेरिका और भारत के बीच बढ़ती साझेदारी हमारे सहयोगियों एवं भागीदारों के व्यापक तंत्र के प्रयासों का समर्थन करे, विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के बीच चतुष्पक्षीय (क्वाडिलेट्रल) सुरक्षा वार्ता।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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