‘वेब स्पेस टेलीस्कोप’ ने ब्रह्मांड निर्माण के बाद की शुरुआती आकाशगंगाओं का पता लगाया

Webb Space Telescope
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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के ‘वेब स्पेस टेलीस्कोप’ ने ऐसी चमकती एवं शुरुआती आकाशगंगाओं का पता लगाया है, जो अभी तक नजर नहीं आई थीं और इनमें से एक आकाशगंगा तो ब्रह्मांड की रचना करने वाले ‘बिग बैंग’ यानी महाविस्फोट के संभवत: 35 करोड़ साल बाद बनी थी।

केप कैनावेरल (अमेरिका)। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के ‘वेब स्पेस टेलीस्कोप’ ने ऐसी चमकती एवं शुरुआती आकाशगंगाओं का पता लगाया है, जो अभी तक नजर नहीं आई थीं और इनमें से एक आकाशगंगा तो ब्रह्मांड की रचना करने वाले ‘बिग बैंग’ यानी महाविस्फोट के संभवत: 35 करोड़ साल बाद बनी थी। खगोलविदों ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि इन परिणामों की पुष्टि हो जाती है, तो यह नई आकाशगंगा ‘हबल स्पेस टेलीस्कोप’ द्वारा पहचानी गई उस सबसे दूरस्थ आकाशगंगा से भी पहले बनी होगी, जो ब्रह्मांड निर्माण के 40 करोड़ साल बाद बनी थी।

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हबल दूरबीन की जगह लेने के लिए वेब दूरबीन को अंतरिक्ष में पिछले साल दिसंबर में भेजा गया था। वेब दूरबीन से मिले संकेतों से पता चलता है कि सितारों के निर्माण की जो अवधि अभी तक समझी जाती थी, उनका निर्माण संभवत: उससे भी पहले शुरू हो गया था। वेब की इन नवीनतम खोजों के बारे में ‘हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स’ के रोहन नायडू के नेतृत्व वाले एक अंतरराष्ट्रीय दल ने एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में विस्तार से बताया है। इस लेख में असाधारण रूप से चमकीली दो आकाशगंगाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। माना जाता है कि इनमें से पहली आकाशगंगा बिग बैंग के 35 करोड़ वर्ष और दूसरी आकाशगंगा 45 करोड़ वर्ष बाद बनी।

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नायडू ने कहा कि इनके सबसे अधिक दूर स्थित होने का दावा करने से पहले वेब द्वारा इन्फ्रारेड में और अधिक अवलोकन किए जाने की आवश्यकता है। पत्रिका में कहा गया, ‘‘ यह अब भी सबसे दिलचस्प सवाल बना हुआ है कि पहली आकाशगंगा कब बनी थी।’’ नासा की वैज्ञानिक जेन रिग्बी ने कहा कि ये आकाशगंगाएं हबल से मानो छिप गई थीं। उन्होंने कहा, ‘‘वे हमारा इंतजार कर रही थीं। यह एक सुखद आश्चर्य है कि अभी कई आकाशगंगाओं का अध्ययन होना बाकी है।

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