Prabhasakshi Exclusive: Riyadh में हुई बैठक में नहीं बुलाये जाने से नाराज Zelenskyy के तेवर क्या दर्शा रहे हैं?

Volodymyr Zelenskyy
ANI

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि रूस के साथ तीन वर्ष से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए यूक्रेन की बिना भागीदारी वाली वार्ता में लिये गये किसी भी निर्णय को ‘कभी स्वीकार नहीं करेगा’।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि रियाद में रूस-यूक्रेन युद्ध पर होने वाली वार्ता का क्या भविष्य रहने वाला है? हमने कहा कि यूके ने यूक्रेन को शांति सेना की पेशकश की है। इसी बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि ‘यूरोप की सशस्त्र सेनाओं’ के निर्माण का समय आ गया है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूसी राष्ट्रपति के साथ वार्ता को लेकर काफी आशान्वित नजर आ रहे हैं। आखिर चीजें किस दिशा में बढ़ रही हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि सऊदी अरब में अमेरिकी और रूसी अधिकारियों के बीच महत्वपूर्ण बैठक में यूक्रेन को आमंत्रित नहीं किया गया है जबकि बैठक में यह तय होना है कि यूक्रेन में शांति कैसे लौटेगी।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि रूस के साथ तीन वर्ष से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए यूक्रेन की बिना भागीदारी वाली वार्ता में लिये गये किसी भी निर्णय को ‘कभी स्वीकार नहीं करेगा’। उन्होंने कहा कि वार्ता में यूक्रेन के बिना यूक्रेनी लोगों की संप्रभुता को लेकर बातचीत में लिये जाने वाले निर्णय, साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूक्रेन की दुर्लभ खनिज संपदा के आधे हिस्से को अमेरिकी समर्थन के लिए कीमत के रूप में दावा करने का स्पष्ट रूप से जबरन वसूली का प्रयास इस बात को बताता है कि ट्रंप यूक्रेन और यूरोप को किस तरह देखते हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन यह पहली बार नहीं है जब बड़ी शक्तियों ने वहां रहने वाले लोगों की राय के बिना नई सीमाओं या प्रभाव के क्षेत्रों पर बातचीत करने के लिए सांठगांठ की है।

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Exclusive: RAND Corporation Report ने China's People's Liberation Army के बारे में जोरदार खुलासा कर दिया है

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि दूसरी ओर, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर यह कहने वाले पहले यूरोपीय नेता बन गए हैं कि वह यूक्रेन में शांति सेना तैनात करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने युद्धविराम में यूरोप की भूमिका पर चर्चा करने के लिए पेरिस में नेताओं की आपातकालीन बैठक से पहले यह प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते यूक्रेन और यूरोपीय सहयोगियों को चौंका दिया था जब उन्होंने घोषणा की थी कि उन्होंने तीन साल के संघर्ष को समाप्त करने पर चर्चा करने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से परामर्श किए बिना उनसे मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि स्टार्मर, के ट्रंप से मिलने के लिए वाशिंगटन जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन यूरोपीय संघ का सदस्य नहीं है, लेकिन रूसी आक्रमण को विफल करने की लड़ाई में यूक्रेन का अग्रणी समर्थक रहा है। उन्होंने कहा कि वैसे एक शांति सेना रूस के साथ सीधे टकराव का जोखिम बढ़ाएगी और यूरोपीय सेनाओं को आगे बढ़ाएगी, जिनके हथियारों का भंडार यूक्रेन को आपूर्ति करने से समाप्त हो गया है और जो प्रमुख अभियानों के लिए अमेरिकी समर्थन पर बहुत अधिक निर्भर रहने के आदी हैं।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि जहां तक जेलेंस्की ने यूरोप की सशस्त्र सेनाओं के निर्माण की बात कही है तो वह इसलिए कही है क्योंकि उन्होंने देख लिया है कि ताकतवर देशों ने उन्हें अकेला छोड़ दिया है। वह यूरोप की सेना की बात इसलिए कर रहे हैं ताकि यूरोपीय देशों को लगे कि वह उनकी भी चिंता कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन रियाद में हुई बैठक में यूक्रेन को नहीं बुलाये जाने से नाराज जेलेंस्की ने जो तेवर दिखाये हैं वह दर्शाते हैं कि वह अब समझ चुके हैं कि अमेरिका उनके साथ नहीं है और रूस की शर्तों पर युद्ध समाप्त होगा। ऐसे में जेलेंस्की अपने देशवासियों से भावनात्मक समर्थन हासिल करने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं लेकिन सच यह है कि यूक्रेन की जनता भी चाहती है कि चाहे जैसे भी हो यह युद्ध समाप्त हो।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़