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धनतेरस पर राशि अनुसार खरीदें वस्तुएं, जानिए शुभ मुहूर्त
- अनीष व्यास
- नवंबर 10, 2020 15:03
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दिवाली से पहले धनतेरस पर पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन धन और आरोग्य के लिए भगवान धन्वंतरि और कुबेर की पूजा की जाती है। धनतेरस 13 नवंबर को मनाया जाएगा। वहीं धनतेरस के दिन कुछ खास सामान को खरीदने का भी काफी महत्व माना जाता है।
औषधियों के जनक भगवान धनवंतरी की जयंती यानी धनतेरस का पर्व इस 13 नवंबर को मनाया जा रहा है। कहा जाता है कि समु्द्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था, यही वजह है कि धनतेरस को भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। भारतीय कैलेंडर के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धन की देवी के उत्सव का प्रारंभ होने के कारण इस दिन को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। धनतेरस को धन त्रयोदशी व धन्वन्तरी त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस दिवाली के दो दिन पहले मनाया जाता है।
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि धनतेरस के दिन खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन खरीदारी करने से धन समृद्धि बढ़ती है। इतना ही नहीं धनतेरस पर कुबेर देव की पूजा करने का भी विधान बताया गया है। ऐसे में अगर आप पैसों की किल्लत से जूझ रहे हैं तो मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए धनतेरस के दिन अपने घर इनचीजों में से कोई एक चीज जरूर खरीदकर लाएं।
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धनतेरस पर खरीदे यह सामान
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि दिवाली से पहले धनतेरस पर पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन धन और आरोग्य के लिए भगवान धन्वंतरि और कुबेर की पूजा की जाती है। इस पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि धनतेरस 13 नवंबर को मनाया जाएगा। वहीं धनतेरस के दिन कुछ खास सामान को खरीदने का भी काफी महत्व माना जाता है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन कुछ खास चीजों को खरीदना काफी शुभ रहता है। इन शुभ चीजों को खरीदने से घर परिवार में सुख शांती बनी रहती है और धन लाभ भी होता है। आइए जानते हैं ऐसी ही विशेष चीजों के बारे में जिन्हें धनतेरस के दिन खरीदा जाना चाहिए।
सोना-चांदी
धनतेरस के दिन धातु की खरीद को काफी अहम माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन धातु को खरीदने से भाग्य अच्छा बनता है। परंपरा है कि धनतेरस के दिन सोना, चांदी जरूर खरीदना चाहिए। इस दिन बजट के मुताबिक सोना, चांदी के सिक्के, गहने, मूर्ति जैसी चीजों की खरीद की जा सकती है।
कुबेर यंत्र
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि धनतेरस पर कुबेर यंत्र खरीदना भी शुभ माना जाता है। इसे अपने घर, दुकान के गल्ले या तिजोरी में स्थापित करना चाहिए. इसके बाद 108 बार 'ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रववाय, धन-धान्यधिपतये धन-धान्य समृद्धि मम देहि दापय स्वाहा' मंत्र का जप करना चाहिए। इस मंत्र से धन की कमी का संकट दूर होता है।
श्री कुबेर मंत्र:
ॐ श्रीं ह्रीं दरिद्र विनाशनि धनधान्य समृद्धि देहि,
देहि कुबरे शंख विध्ये नमः ।।
तांबा
धनतेरस के दिन तांबे की वस्तुएं या बर्तन लाने का काफी महत्व रहता है। यह सेहत के लिए भी शुभ माना जाता है। साथ ही कांसा से बनी सजावटी वस्तुएं या बर्तन भी घर लेकर आ सकते हैं।
झाडू
धनतेरस के दिन झाडू भी खरीदा जाता है। मान्यता है कि इस दिन झाडू खरीदने से गरीबी दूर होती है। साथ ही नई झाडू से नकारात्मक ऊर्जा दूर जाती है और घर में लक्ष्मी का वास होता है।
शंख-रूद्राक्ष
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि धनतेरस के दिन शंख खरीदने को काफी शुभ माना जाता है। इस दिन शंख खरीदकर उसकी पूजा करें। शास्त्रों के मुताबिक जिस घर में रोजाना पूजा के वक्त शंख बजाया जाता है, उस घर से मां लक्ष्मी कभी नहीं जाती। साथ ही घर के संकट भी दूर हो जाते हैं। इसके अलावा सात मुखी रूद्राक्ष धनतेरस के दिन घर पर लाने से सारे कष्ट दूर होते हैं।
भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्ति
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि धनतेरस के दिन भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्ति भी घर में लानी चाहिए। मान्यता है कि इससे घर में पूरे साल धन और अन्न की कमी नहीं होती है। दोनों देवी देवता धन और बुद्धि बढ़ाते हैं।
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नमक-धनिया
धनतेरस के दिन नमक जरूर खरीदें। ऐसा माना जाता है कि इस दिन नमक घर में लाने से धन की बढ़ोतरी होती है और दरिद्रता का नाश होता है। इसके अलावा धनिया भी इस दिन घर में लाना चाहिए। साबुत धनिया लाने का काफी महत्व है। इसे पूजा के बाद अपने घर के आंगन और गमले में डाल देना चाहिए।
मिट्टी के दीपक
दिपावली रोशनी का त्योहार है और दीपक को रोशनी का प्रतीक माना जाता है। दीपक के बिना दिपावली अधूरी मानी जाती है। ऐसे में धनतेरस पर 51 छोटे-छोटे दीपक घर पर खरीद लाएं।
गोमती चक्र
धनतेरस पर पाँच गोमती चक्र खरीदने चाहिए। दीपावली के दिन गोमती चक्र मां लक्ष्मी को अर्पित करने के बाद अगले दिन उन्हें अपनी तिजोरी में रख दें।
विश्व विख्यात भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्ल़ेषक अनीष व्यास बता रहे है कि धनतेरस पर राशि अनुसार खरीदें वस्तुएं।
मेष राशि- सोना-चांदी की वस्तु, जमीन।
वृषभ राशि- चांदी, हीरा की वस्तु, जमीन, वाहन।
मिथुन राशि- जमीन जायदाद, इलेक्ट्रॉनिक सामान, सोना-चांदी की वस्तु।
कर्क राशि- सोना-चांदी की वस्तु, शेयर मार्केट में निवेश और जमीन।
सिंह राशि- सोना, तांबा, फर्नीचर, शेयर मार्केट में निवेश।
कन्या राशि- सोना-चांदी, इलेक्ट्रॉनिक सामान, जमीन।
तुला राशि- चांदी, शेयर मार्केट में निवेश और वाहन की खरीदारी से बचें।
वृश्चिक राशि- सोना-चांदी, जमीन और किसी भी तरह का निवेश।
धनु राशि- सोना, इलेक्ट्रॉनिक सामान और जमीन।
मकर राशि- चांदी, जमीन और इलेक्ट्रॉनिक सामान।
कुंभ राशि- सोना-चांदी की वस्तु और फिक्स डिपॉजिट।
मीन राशि- हर प्रकार का निवेश और खरीदारी उत्तम रहेगी।
धनतेरस के दिन खरीदारी का शुभ मुहूर्त
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि इस साल त्रयोदशी तिथि 12 नवंबर की रात 9 बजकर 30 मिनट से लग जाएगी, जो कि 13 नवंबर की शाम 6 बजे समाप्त होगी।
13 नवंबर को खरीदारी का शुभ मुहूर्त
सुबह 5:59 से 10:06 बजे तक।
सुबह 11:08 से दोपहर 12:51 बजे तक।
दोपहर 3:38 मिनट से शाम 5:00 बजे तक।
- अनीष व्यास
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक
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- विंध्यवासिनी सिंह
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मुख्य द्वार की सजावट के बाद नंबर आता है ड्राइंग रूम का, क्योंकि यह वह जगह होता है जहां परिवार के सदस्य या मेहमान बैठते हैं। ऐसे में ड्राइंग रूम में रखे जाने वाले सोफे को लेकर यह सावधानी बरतें कि सोफा हमेशा दक्षिण- पश्चिम दीवार की तरफ ही लगाएं।
घर सजाना एक कला है और जब किसी घर को कलात्मक ढंग से सजाया जाता है तो वह घर अद्भुत अनुभूति प्रदान करता है। वहीं अगर आप अपने घर की सजावट करते समय वास्तु के कुछ नियमों का ध्यान रखते हैं तो आपका घर ना केवल सुंदर दिखेगा, बल्कि सुख समृद्धि को बढ़ाने वाला भी साबित होगा।
इसे भी पढ़ें: बच्चा पढ़ने में करता है आनाकानी, तो वास्तु के ये उपाय आएंगे काम
तो आइए जानते हैं वह वास्तु के वे नियम जिन्हें घर सजाते हुए ध्यान में रखना चाहिए...
प्रवेश द्वार की सजावट
घर के मुख्य द्वार या प्रवेश द्वार की जब आप सजावट करते हैं तो यहां पर भगवान गणेश की प्रतिमा लगा सकते हैं।
इसके अलावा आप भगवान बुद्ध की प्रतिमा भी अपने घर के मुख्य द्वार पर लगा सकते हैं, जो बेहद सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने वाला होता है। अगर द्वार पर भगवान बुद्ध की प्रतिमा रख रहे हैं तो ध्यान रखें कि इसका मुख पूर्व दिशा की तरफ रहना चाहिए तो यह ज्यादा लाभदायक होता है। इसके अलावा आप अपने मुख्य द्वार पर घंटी और बजने वाली झालरें भी लगा सकते हैं। इसकी आवाज से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
ड्राइंग रूम की सजावट
मुख्य द्वार की सजावट के बाद नंबर आता है ड्राइंग रूम का, क्योंकि यह वह जगह होता है जहां परिवार के सदस्य या मेहमान बैठते हैं। ऐसे में ड्राइंग रूम में रखे जाने वाले सोफे को लेकर यह सावधानी बरतें कि सोफा हमेशा दक्षिण- पश्चिम दीवार की तरफ ही लगाएं। अगर यहाँ सोफे नहीं रख रहे हैं, तो उसकी जगह पर काउच या दीवान रख सकते हैं, लेकिन ये भी दक्षिण -पश्चिम दीवार पर ही रखें।
वहीं अगर ड्राईंग रूम में मनोरंजन के साधन जैसे कि टेलीविजन, म्यूजिक सिस्टम रख रहे हैं, तो इन्हें उत्तर दिशा में रखें। तब यह वास्तु के अनुसार उचित होता है। अगर आप ड्राइंग रूम में भगवान गणेश की मूर्ति रखना पसंद करते हैं, ऐसे में कोशिश करें कि भगवान गणेश की बैठी हुई मुद्रा में मूर्ति ड्राइंग में रखें। यह भी ध्यान देने की बात है कि गणेश भगवान की मूर्ति का सूंड हमेशा बाएं तरफ मुड़ी हुई होनी चाहिए। साथ ही गणेश भगवान के हाथों में लड्डू यह मोदक हो और साथ में मूषक का होना भी आवश्यक है।
पूजा घर की सजावट
हिंदू धर्म में पूजा पाठ का बहुत महत्व है। ऐसे में प्रत्येक घरों में मंदिर अवश्य पाया जाता है। ऐसे में अगर आप अपने पूजा घर को सजाने की सोच रहे हैं, तो यह ध्यान रखें कि पूजा घर की दीवारें हल्के पीले रंग से रंगी होनी चाहिए। ऐसे में यह बेहद शुभ माना जाता है। यह भी ध्यान रखें कि पूजा घर में कभी भी, किसी भी देवता की एक ही प्रतिमा रहनी चाहिए, तो इससे घर में सुख शांति बनी रहती है।
इसे भी पढ़ें: क्यों 'स्वाहा' बोले बिना नहीं मिलता है यज्ञ का फल
बेडरूम की सजावट
अपने बेडरूम की सजावट करते समय आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि बेडरूम की दीवारों का रंग हमेशा हल्का रखें। आप हल्का गुलाबी, हल्का नीला, हल्का पीला जैसे रंगों का चुनाव कर सकते हैं। वहीं बेडरूम में अगर आप खूबसूरत दीवार घड़ी लगा रहे हैं तो आपको यह ध्यान देना चाहिए कि दीवार घड़ी कभी भी सर के ऊपर ना लगाई जाए।
यहां तक कि अगर आप अपने बेडरूम में बेड को भी सिंपल रखें। इससे पति-पत्नी के रिश्ते मधुर होते हैं। ऐसे में आप अपने बेडरूम में राधा-कृष्ण की प्रतिमा या तस्वीर लगा सकते हैं। इससे पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है।
अपने सोने वाले कमरे में कभी भी देवी देवता या पूर्वजों की तस्वीरों को लगाने से आपको बचना चाहिए।
तो ये हैं वो उपाय, जिनको ध्यान में रखते हुए आप अपना घर सजाते हैं, जिससे सब सुखद रहता है।
विंध्यवासिनी सिंह
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- विंध्यवासिनी सिंह
- मार्च 1, 2021 18:54
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सबसे पहले बच्चे के पढ़ाई के लिए एक कमरा सुनिश्चित करें और ध्यान रखें कि वह कमरा जिसमें बच्चा स्टडी कर रहा है, वह उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ हो। अगर इन दोनों दिशाओं में स्टडी रूम संभव नहीं है तो आप उत्तर पूर्व के कोने पर भी स्टडी रूम बना सकते हैं।
बच्चों के लिए पढ़ाई कितनी महत्वपूर्ण है, यह कोई बच्चा तब तक नहीं समझता, जब तक कि वह खुद बड़ा ना हो जाए। यही वजह है कि जब भी कोई बड़ा, बच्चों को पढ़ने के लिए कहता है, तो उन्हें यह बातें अच्छी नहीं लगती हैं।
हालांकि बच्चों के लिए नियमित पढ़ाई करना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि बचपन में ही उनके भविष्य की नींव तैयार होती है। शुरुआती समय में बच्चा अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं देता है, तो यह देखा जाता है कि आगे चल कर भी पढ़ाई को लेकर वह लापरवाही बरतने लगता है।
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ऐसे में अगर आपका बच्चा पढ़ाई को लेकर ज्यादा लापरवाह हो गया है तो इसके पीछे तमाम कारण हो सकते हैं। लेकिन अगर वास्तु के अनुसार इसका उपाय करना चाहते हैं, तो यहां हम ऐसे नियमों को बताएँगे जिसको अपनाने के बाद आपके बच्चे का दिमाग पढ़ाई की तरफ लगने लगेगा।
आइये जानते हैं...
सबसे पहले बच्चे के पढ़ाई के लिए एक कमरा सुनिश्चित करें और ध्यान रखें कि वह कमरा जिसमें बच्चा स्टडी कर रहा है, वह उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ हो। अगर इन दोनों दिशाओं में स्टडी रूम संभव नहीं है तो आप उत्तर पूर्व के कोने पर भी स्टडी रूम बना सकते हैं।
इसी क्रम में अगर कमरे में किताबों की अलमारी रखी गई है, तो यह भी ध्यान देने वाली बात है कि कमरे के उत्तर या पूर्व दिशा की दीवार पर ही किताबों की अलमारी लगानी चाहिए। उस वक्त जब बच्चा पढ़ाई कर रहा हो तो उसका मुंह दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए। क्योंकि इस दिशा में मुंह करके बच्चा पढ़ाई करता है तो दिमाग में चंचलता बनी रहती है।
बच्चे के पढ़ाई वाले कमरे में मां सरस्वती की प्रतिमा या कैलेंडर अवश्य लगाएं। इससे बच्चों को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और उसका दिमाग पढ़ने में लगता है। आप चाहें तो बच्चे के कमरे में हंस की तस्वीर भी लगा सकते हैं, क्योंकि हंस माता सरस्वती का वाहन है और हंस को देखने के बाद सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
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यह भी जान लें कि बच्चा जिस टेबल पर बैठकर पढ़ाई कर रहा हो, तो आप कोशिश करें कि उसे आयताकार या चौकोर अथवा गोलाकार में बनवाएं। तिकोने आकार का टेबल कभी बच्चे को पढ़ने के लिए नहीं दें। वहीं यह भी ध्यान रखें कि बच्चे के पढ़ाई का टेबल और कुर्सियां टूटी हुई ना हों, क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा निकलती है और आपके बच्चों के लिए यह सही नहीं है।
पढ़ते हुए यह ध्यान रखें कि बच्चे का मुँह उत्तर दिशा की तरफ हो इससे बच्चे की बौद्धिक क्षमता विकसित होती है और उसका दिमाग पढ़ाई की तरफ लगता है।
अगर बच्चा पढ़ रहा हो और उसकी पीठ के पीछे खिड़की हो तो यह भी बेहद फायदेमंद होता है क्योंकि इससे बच्चे को एनर्जी मिलती है और उसका ध्यान नहीं भटकता है।
अगर स्टडी रूम के दीवारों के रंगों की बात करें तो आप पढ़ाई के कमरे को पीले या बैगनी रंग से रंगवा सकते हैं। इन दोनों रंगों से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। वही स्टडी रूम में प्रयोग की जाने वाली कुर्सी और टेबल के रंगों को हल्के रंग का ही रखने का प्रयास करें।
अगर बच्चे के कमरे में दर्पण या शीशा लगा हुआ है तो यह विशेष रुप से ध्यान दें कि शीशा ऐसी जगह पर ना लगे कि बच्चे का ध्यान बार-बार शीशे पर जाए या शीशे का प्रतिबिंब बच्चे की किताबों पर पड़े।
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सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चे का पढ़ाई का कमरा बहुत साफ और स्वच्छ होना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों की किताबें और पढ़ाई का सामान व्यवस्थित ढंग से रखे होने चाहिए। क्योंकि फैली हुई चीजें बच्चों के दिमाग पर नकारात्मक असर डालती हैं और उनका ध्यान भंग होता है।
आप चाहे तो स्टडी रूम की दीवारों पर दौड़ते हुए घोड़े की तस्वीर और उगते हुए सूरज की तस्वीर भी लगा सकते हैं। इससे बच्चों को पॉजिटिव एनर्जी मिलती है और वह मन लगाकर पढ़ाई कर पाते हैं।
हालाँकि पढ़ना लिखना हर बच्चे की बौद्धिक क्षमता पर निर्भर करता है लेकिन माता-पिता को वस्तु के इन उपायों को आजमा कर अपने बच्चे के लिए एक सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण अवश्य करना चाहिए।
- विंध्यवासिनी सिंह
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- विंध्यवासिनी सिंह
- फरवरी 20, 2021 13:47
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अगर आपके ऊपर चंद्रमा की पीड़ा है, या चंद्रमा का कष्ट है, तो इस कष्ट को दूर करने के लिए आपको अपने घर के पास 'गूलर' का पौधा लगाना चाहिए। ऐसा करने से चंद्रमा के दुष्प्रभाव का असर आपके ऊपर कम हो जाता है।
प्राचीन समय से ही पेड़ पौधों की पूजा करना हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है और आज भी हम किसी न किसी रूप में पेड़ पौधे की पूजा अवश्य ही करते हैं। वह चाहे पीपल हो, तुलसी हो, समी हो या फिर बरगद का ही पेड़ क्यों ना हो, हमारे लिए काफी महत्त्व रखते हैं।
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हमारे शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि हर मनुष्य को अपने जीवन काल में एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। इतना ही नहीं, शास्त्र यह भी कहते हैं कि अगर किसी कारण वश कोई मनुष्य एक पेड़ काटता है, तो उसे 10 पेड़ लगाकर उनका पालन करने के उपरांत ही एक पेड़ काटने के पाप से मुक्ति मिल पाएगी। ऐसे में पेड़ लगाने की महत्ता कितनी है, इसे आप सहज ही समझ सकते हैं।
अगर आप भी पेड़ लगाने का विचार अपने मन में ला रहे हैं, तो वास्तु में इसके कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करते हुए अगर वृक्षारोपण किया जाए, तो इसका सकारात्मक असर हमारे जीवन में देखने को मिलता है।
आईये जानते हैं ...
पेड़ लगाने का सही समय
वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर आप पेड़ लगाने जा रहे हैं या बगीचे का निर्माण करने जा रहे हैं, तो इसके लिए आपको कुछ विशेष नक्षत्रों का इंतजार करना होगा। जिनमें स्वाति, उत्तरा, हस्त, रोहिणी और मूल नक्षत्र को सबसे सर्वोत्तम बताया गया है। अगर आप इन नक्षत्रों में पेड़ लगाते हैं तो यह पेड़ आपके जीवन में खुशहाली लेकर आएंगे।
पेड़ लगाते समय दिशा का ध्यान
अगर आप वृक्षारोपण करने जा रहे हैं, तो आपको यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि वह वृक्ष सही दिशा में लगें। अगर आपके घर में बगीचे के लिए जगह छोड़ी जा रही है, तो आप को ध्यान रखना चाहिए कि वह जगह वाम पार्श्व होना चाहिए। नेत्रत्व या अग्नि कोण में बगीचे का निर्माण करना अशुभ बताया जाता है और कहा जाता है कि इसका दुष्प्रभाव पूरे घर के ऊपर पड़ता है।
इसके साथ ही ध्यान देने वाली बात यह है कि घर के पूर्व दिशा में कभी भी बड़े और विशाल पेड़ पौधों को नहीं लगाना चाहिए। अगर भूलवश आपसे ऐसा हो गया है तो इस भूल के दुष्परिणाम को कम करने के लिए आपको घर के उत्तर दिशा में आंवला, हरश्रृंगार, तुलसी और अमलतास के पौधों का रोपण करना चाहिए।
वृक्ष फल नहीं दे रहे हों तो करें यह उपाय
अगर आपके घर के आस-पास फलदार वृक्ष लगे हुए हैं और वह फल नहीं दे रहे हैं, तो वास्तु शास्त्र के अनुसार इन पौधों या पेड़ों की जड़ों में मूंग, उड़द, कुलथी, तिल और जौ मिलाकर पानी तैयार करना चाहिए और इस पानी को वृक्षों की जड़ों में डालना चाहिए।
जमीन संबंधी परेशानी दूर करने के लिए
जिस जमीन पर आपका आवास बना हुआ है, उस पर यदि कोई दोष है, तो इस दोष को दूर करने के लिए आपको 'आंवले' का पौधा अपने आवास के आसपास ज़रूर लगाना चाहिए।
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चंद्रमा की पीड़ा को दूर करने के लिए
अगर आपके ऊपर चंद्रमा की पीड़ा है, या चंद्रमा का कष्ट है, तो इस कष्ट को दूर करने के लिए आपको अपने घर के पास 'गूलर' का पौधा लगाना चाहिए। ऐसा करने से चंद्रमा के दुष्प्रभाव का असर आपके ऊपर कम हो जाता है।
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए
माता लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर बनी रहे, इसके लिए आपको अपने घर के पास बेल यानी कि बिल्व का पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। कहा जाता है कि बेल के पेड़ पर माता लक्ष्मी का निवास होता है और घर के आस-पास इस पेड़ को अगर लगाया जाए, तो माँ लक्ष्मी आपसे प्रसन्न रहती हैं।
घर के आसपास इन पेड़ - पौधों को लगाने से बचें
- अगर आपके घर के आसपास केला, बेर और बाँझ अनार के वृक्ष हों तो आपके ऊपर इनका नकारात्मक असर पड़ता है। कहा जाता है कि इन तीनों वृक्षों की वजह से आपकी संतान के ऊपर हमेशा कष्ट बना रहता है।
- इसके अलावा कैक्टस के पौधों को भी कभी भी अपने आवासीय परिसर में नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से आप हमेशा शत्रु बाधा से गिरे रह सकते हैं और आपके ऊपर धन हानि का योग भी बना रहेगा।
- अपने आवासीय परिसर में कभी भी कंचन, पलाश, अर्जुन के पेड़ नहीं लगाने चाहिए। इन पेड़ों से नकारात्मक शक्ति निकलती है और यह अशांति के कारक होते हैं।
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हालाँकि पेड़ -पौधे हमारे जीवन दाता हैं। इनसे मिलने वाली ऑक्सीजन से ही हम ज़िंदा रहते हैं, इसलिए अपने आसपास अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाएं। लेकिन वास्तु के इन नियमों का ध्यान अवश्य रखें।
विंध्यवासिनी सिंह

