Bhagwat Geeta: तकिए के नीचे भगवद गीता को रखने से मिलेंगे कई लाभ, दूर होगी नकारात्मक ऊर्जा

Bhagwat Geeta
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सनातन धर्म में भगवद गीता को पवित्र और पूजनीय ग्रंथ माना गया है। यह हिंदू धर्म के महान में से एक है। कुछ लोग इसको अपने तकिए के नीचे रख सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या भगवद गीता को तकिए के नीचे रखना चाहिए या नहीं।

सनातन धर्म में भगवद गीता को पवित्र और पूजनीय ग्रंथ माना गया है। यह हिंदू धर्म के महान में से एक है। माना जाता है कि भगवद्गीता में लिखा ज्ञान जीवन के हर मोड़ पर बहुत काम आता है और यह ग्रंथ मार्गदर्शन करता है। इसी वजह से भगवद गीता को पढ़ना बेहद जरूरी बताया गया है। इसके अलावा इस ग्रंथ को अपने पास रखना भी बहुत लाभकारी होता है। वहीं कुछ लोग अपने बैग, पर्स और अलमारी आदि में भगवद गीता रखते हैं। तो वहीं कुछ लोग इसको अपने तकिए के नीचे रख सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या भगवद गीता को तकिए के नीचे रखना चाहिए या नहीं। 

तकिए के नीचे भगवद गीता रखना

तकिए के नीचे भगवद गीता को रखना अच्छा माना जाता है। इसके कई लाभ होते हैं और लाभ के साथ ही कुछ नियम भी होते हैं। लाभ की बात करें, तो भगवद गीता को तकिए के नीचे रखने से नकारात्मकता दूर होती है और नकारात्मक ऊर्जा आपके पास नहीं आती है।

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तकिए के नीचे भगवद गीता को रखने से मन शांत होता है। इससे आपको गहरी नींद आती है और नींद में कोई अवरोध नहीं आता है। इसको तकिए के नीचे रखने से बुरे सपने नहीं आते हैं। हांलाकि भगवद गीता को तकिए के नीचे रखने के कुछ नियम होते हैं। जिनमें से सबसे पहला नियम यह है कि इसको पीले कपड़े में रखना चाहिए।

तकिए के नीचे रखने के लिए भगवद गीता को रेशमी पीले रंग के वस्त्र में रखें। सिर्फ सोने के दौरान ही इसको तकिए के नीचे रखना चाहिए। दिन में भगवद गीता को मंदर या फिर किसी शुद्ध स्थान पर रख दें और रात में इसको फिर अपने पास तकिए के नीचे रख लें।

अगर आप गीता को तकिए के नीचे रखकर सोना चाहते हैं। तो इस बात का ध्यान रखें कि आसपास खाने-पीने का सामान लेकर न बैठें। क्योंकि ऐसा करने से पवित्र ग्रंथ अपवित्र हो जाता है। ऐसे में उससे मिलने वाला शुभ प्रभाव अशुभता का रूप लेकर आपको प्रभावित कर सकता है।

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