Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य करने का होता है विशेष महत्व, जानें शुभ मुहूर्त
सनातन धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य देव धुन राशि से निकालकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्य का मकर राशि प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो जाता है। मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान करना और दान-पुण्य का विशेष महत्व है। आइए आपको बताते हैं मकर संक्रांति पर दान करने का महत्व।
मकर संक्रांति का त्योहार सनातन धर्म में काफी महत्व रखता है। मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। 14 जनवरी को सूर्य देव धनु राशि से निकालकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो जाता है और मंगलिक कार्य शुरु हो जाते है। मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य के कार्यों को श्रेष्ठ माना जाता है। मकर संक्रांति नए साल का पहला त्योहार होता है इसलिए इसे धूमधाम से मनाया जाता है। कई जगहों पर इस दिन पतंग उड़ाई जाती है। इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है, जिसका अर्थ है सूर्य उत्तर दिशा की तरफ बढ़ता है।
मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त
-मकर संक्रांति पुण्य काल- सुबह 07 बजकर 33 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट तक
- मकर संक्रांति महा पुण्य काल- सुबह 07 बजकर 33 मिनट से सुबह 09 बजकर 45 मिनट तक
- मकर संक्रांति का क्षण- सुबह 07 बजकर 33 मिनट
मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य करने का विशेष महत्व
मकर संक्रांति के दिन दान करना बेहद शुभ माना जाता है। मकर संक्रांति के पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहा जाता है। इस दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्य देव की उपासना करने का विशेष महत्व माना जाता है। जो लोग इस दिन दान करते है ये दान अक्षय फलदायी होता है। इस दिन शनि देव के लिए प्रकाश करना भी काफी शुभ होता है।
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