Shani Asta 2025: 27 फरवरी को अपनी स्वराशि कुंभ में अस्त होगें शनि

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डा. अनीष व्यास । Feb 22 2025 11:31AM

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि शनिदेव के अस्त होने से सरकार का प्रशासनिक ढांचा कमजोर पड़ जाता है और अराजकता बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है। ज्योतिष में शनिदेव का विशेष महत्व होता है। शनिदेव सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं।

शनि कुंभ राशि में 27 फरवरी 2025 को मध्य रात्रि 00:09 पर अस्त होगें और 4 अप्रैल 2025 को सुबह 6:37 पर उदय होंगे। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनि देव को माना गया है ऐसे में शनि का स्वयं की राशि में अस्त होना बहुत ही महत्वपूर्ण होगा। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि शनि इस समय कुंभ राशि में है और 29 मार्च 2025 को रात 9:41 पर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि अस्त होने के बाद अपनी कमजोर अवस्था में रहेंगे। लेकिन इस समय सूर्य और शनि की युति कुंभ राशि में रहेगी। सूर्य और शनि एक दूसरे के शत्रु हैं ऐसे में शनि अस्त होने के बाद भी कई राशियों को कष्ट पहुंचाने वाले हैं। ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को न्याय और कर्मफल दाता माना जाता है। शनि ग्रह व्यक्ति को उसके द्वारा किए गए कर्मों के आधार पर शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं। शनि अभी कुंभ राशि में संचरण कर रहे हैं। शनिदेव ने कुंभ राशि में 17 जनवरी 2023 को प्रवेश किया था। वैदिक ज्योतिष में शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है। सभी नौ ग्रहों में शनिदेव की गति सबसे धीमी है। ज्योतिष के मुताबिक कुंडली में शनि की मजबूत स्थिति होने पर जातकों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि शनिदेव के अस्त होने से सरकार का प्रशासनिक ढांचा कमजोर पड़ जाता है और अराजकता बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है। ज्योतिष में शनिदेव का विशेष महत्व होता है। शनिदेव सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं। ये किसी एक राशि में सबसे ज्यादा ढाई वर्षों तक रहते हैं। शनि दुख, रोग, पीडा, न्याय और कर्म के कारक होते हैं। शनि देव मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं। यह तुला राशि में उच्च के होते हैं जबकि मेष राशि में नीच के होते हैं। सभी 27 नक्षत्रों में शनिदेव को पुष्य, अनुराधा और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र पर स्वामित्व प्राप्त है। शनि बुध और शुक्र के मित्र हैं और वहीं इनके शत्रु सूर्य, चंद्रमा और मंगल है।

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ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि शनि 29 मार्च 2025 को जैसे ही मीन राशि में प्रवेश करेंगे कुछ राशि वालों पर साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाएगी तो वहीं कुछ पर से यह खत्म हो जाएगी। इस साल मकर राशि वालों पर चल रही साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी जबकि मेष राशि पर साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। शनि के मीन राशि में गोचर करने से मीन राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण, कुंभ राशि पर अंतिम चरण और मेष राशि पर पहला चरण शुरू होगा। वहीं इसके अलावा वृश्चिक राशि के जातकों पर जहां ढैया समाप्त होगी जबकि धनु राशि वालों पर ढैया की शुरुआत हो जाएगी।

साल 2025 में शनि की चाल और स्थिति

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शनि 29 मार्च 2025 को मीन राशि में गोचर होंगे लेकिन उसके पहले कुंभ राशि में रहते हुए 27 फरवरी 2025 को अस्त हो जाएंगे। फिर इसी अस्त अवस्था में रहते हुए गुरु की राशि मीन में प्रवेश करेंगे। 4 अप्रैल 2025 को सुबह 6:37 पर उदय होंगे। फिर 13 जुलाई 2025 को मीन राशि में वक्री चाल से चलेंगे। 28 नवंबर 2025 को शनिदेव मार्गी हो जाएंगे। 

कुंभ राशि में शनि-सूर्य की युति

कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि 12 फरवरी से सूर्य देव कुंभ राशि में गोचर कर गए हैं। वहीं दूसरी ओर शनि देव कुंभ राशि में 27 फरवरी 2025 को अस्त हो रहे हैं । 12 फरवरी से सूर्य-शनि एक साथ कुंभ राशि में हैं। इसके बाद 14 मार्च को सूर्य मीन राशि में चला जाएगा। सूर्य-शनि के संयोग से प्राकृतिक आपदाएं आने का खतरा बना रहेगा।  ज्योतिष में सूर्य और शनि को एक-दूसरे का शत्रु माना जाता है। जब भी ऐसे योग बनते हैं तब देश-दुनिया में अनचाहे बदलाव और दुर्घटनाएं होती हैं। तनाव, अशांति और डर का माहौल भी बनता है। जिससे ज्यादातर लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कई लोग मानसिक और शारीरिक तौर से तो परेशान रहेंगे ही साथ ही सेहत संबंधी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है। शनि-सूर्य का अशुभ योग बनने से राजनीतिक नजरिये से समय अनुकूल नहीं रहेगा। बड़े बदलाव और विवाद होने की आशंका है। 

असर

भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि अचानक मौसम परिवर्तन होने के योग बनेंगे। देश में कई जगहों पर अचानक ठंड बढ़ सकती है। शेयर मार्केट में बड़ी उथल-पुथल होने के योग बनेंगे। प्रशासनिक फैसलों से देश में विवाद बढ़ाने की आशंका रहेगा। लोगों में मतभेद बढ़ सकते हैं। भ्रष्टाचार उजागर हो सकते हैं। नौकरीपेशा लोगों के कामकाज में रुकावटें आ सकती हैं। लोगों के दिल-दिमाग में अनिश्चितता रहेगी। कृषि क्षेत्र यानी फसलों का उत्पादन बढ़ेगा। बड़े निवेश और लेन-देन होंगे। मीडिया और वकालात से जुड़े लोगों के लिए अच्छा समय रहेगा। स्टूडेंट्स को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के नए मौके मिलेंगे। साथ ही व्यापारिक क्षेत्रों में फायदा होने के भी योग बन रहे हैं। बड़े बदलाव और विवाद होने की आशंका है। राजनीतिक उथल-पुथल एवं प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बढ़ेगी। धरना जुलूस प्रदर्शन आंदोलन गिरफ्तारियां होगी। रेल दुर्घटना होने की संभावना। बड़े नेताओं का दुखद समाचार मिलने की संभावना। दुर्घटना होने की संभावना। देश और दुनिया में राजनीतिक बदलाव होंगे। सत्ता संगठन में परिवर्तन होगा। आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलेगा। मनोरंजन फिल्म खेलकूद एवं गायन क्षेत्र से बुरी खबर मिलेगी। 

क्या करें उपाय 

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शनि महाराज को प्रसन्न करने के लिए सबसे अच्छा अवसर शनिवार, शनि प्रदोष, शनि अमावस्या, शनि जयंती और भगवान हनुमान की उपासना को माना गया है। शनिवार के दिन काले श्वान को तेल लगाकर रोटी खिलाना चाहिए। अगर आपके ऊपर शनि की महादशा चल रही तो उस समय मांस-मदिरा का त्याग करना चाहिए। महामृत्युंजय मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करें शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए शनिवार के दिन काली गाय की सेवा करें। हर शनिवार शनि मंदिर जाकर शनि महाराज को सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए। पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीया जलने से शनि की कृपा मिलती है। हनुमान भैरव और शनि चालीसा का पाठ करने से शनि की कृपा मिलती है।

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास बता रहे है शनि अस्त का सभी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

मेष राशि

सामाजिक संबंधों और आर्थिक स्थिति पर भी पड़ सकता है। किसी से कोई रुका हुआ पैसा लेना है तो हो सकता है कि वह मिलने में देरी हो जाए। शनि के अस्त होने से आपको बेहतर करियर में मौके न मिलें। 

वृषभ राशि

करियर की ग्रोथ में देरी हो सकती है। जो लोग सरकारी नौकरी में हैं, उन्हें इस दौरान ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता होगी, क्योंकि बॉस या उच्चाधिकारियों के साथ अनबन होने की आशंका है। यात्रा के दौरान भी सावधानी बरतें।

मिथुन राशि

शनि देव की अस्त अवस्था के दौरान यात्रा में सावधानी बरतें। पिता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिए आगे की योजना बना रहे हैं, उसमें थोड़ी देरी हो सकती है। 

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों को आठवें भाव से संबंधित परिणाम प्राप्त होंगे, जो काफी प्रतिकूल हो सकते हैं। ससुराल पक्ष के लोगों के साथ संबंधों में तनाव आ सकता है। अचानक से लाभ या हानि होने के भी योग बन रहे हैं। खर्चों को नियंत्रित करें।

सिंह राशि

प्रेम संबंध में या बिजनेस पार्टनर के साथ विवाद हो सकता है। प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कोई भी नया फैसला सोच विचार कर लें।

कन्या राशि

स्वास्थ्य पर असर डालेगा। कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। कोर्ट केस या कानूनी कार्यवाही में फंसे हुए हैं तो सावधान रहें। नौकरीपेशा जातक पदोन्नति की उम्मीद लगाकर रखेंगे, लेकिन सफलता की संभावना कम रहेगी।

तुला राशि

बच्चों के साथ भी संबंधों में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। दोस्ती और सामाजिक संबंधों में भी परेशानियां आ सकती हैं। लोन चल रहा है तो किस्त समय पर जमा करें और किसी से पैसे उधार न लें।

वृश्चिक राशि

शनि देव चौथे भाव में अस्त होकर ढैय्या के माध्यम से मां के संबंध में उतार-चढ़ाव का कारण बन सकते हैं। स्वास्थ्य में भी गिरावट आ सकती है। कोई प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बनाएं तो सतर्क रहें। ठगी के शिकार हो सकते हैं।

धनु राशि

यात्राओं करने के दौरान परेशानी हो सकती है। जिस उद्देश्य से यात्रा पर जाएं, वह सफल न हो। मानसिक शांति के लिए कोई आध्यात्मिक यात्रा कर सकते हैं। भाई-बहनों के साथ संबंधों में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं।

मकर राशि

फैमिली बिजनेस में घाटा हो सकता है। पारिवारिक विवाद बढ़ सकता है। आर्थिक क्षति भी हो सकती है। सट्टा बाजार शेयर मार्केट में निवेश करने बचें, क्योंकि शनि देव की दृष्टि आठवें भाव पर पड़ रही है।

कुंभ राशि

ऐसे में भाई-बहनों के साथ संबंध प्रभावित होंगे। विवाह में परेशानी हो सकती है। पेशेवर रूप से देखा जाए तो कार्यस्थल पर नौकरीपेशा जातकों को काम का अधिक दबाव महसूस हो सकता है। स्वास्थ्य में गिरावट भी आ सकती है।

मीन राशि

ऐसे में आर्थिक नुकसान हो सकता है। कर्ज में बढ़ोतरी हो सकती है। वेतन वृद्धि न होने से मन दुखी रहेगा। कई कठिनाइयों से गुजरेंगे और आपका भरोसा अध्यात्म के प्रति बढ़ता जाएगा।

- डा. अनीष व्यास

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक

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