हो गई August के पंचक की शुरुआत, इन उपायों को कर दूर हो सकता है दुष्प्रभाव

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इस गोचर को पंचक कहते है। पंचक को हिंदू धर्म शास्त्रों और ज्योतिष विद्या में बेहद अशुभ माना जाता है। पंचक के दौरान कोई भी शुभ कार्य करने में मनाही होती है। इस दौरान शुभ कार्य नहीं करने और उसे टालने की सलाह अधिक दी जाती है।

भोलेनाथ का प्रिय महीना सावन चल रहा है। सावन के महीने में कई तरह के उपाय और पूजा पाठ किए जाते हैं जिससे भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती है। सावन के महीने में बेलपत्र-धतूरे से भगवान शिव का पूजन कर खास उपाय भी किए जाते हैं तो बेहद शुभ होते है। वहीं सावन के महीने में दो अगस्त के पंचक की भी शुरुआत होगी।

बता दें कि पंचक उसे कहा जाता है जब धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र में चंद्रमा गोचर करने पहुंचता है। इस गोचर को पंचक कहते है। पंचक को हिंदू धर्म शास्त्रों और ज्योतिष विद्या में बेहद अशुभ माना जाता है। पंचक के दौरान कोई भी शुभ कार्य करने में मनाही होती है। इस दौरान शुभ कार्य नहीं करने और उसे टालने की सलाह अधिक दी जाती है। इस दौरान अगर शुभ कार्य किया जाता है तो उसमें सफलता मिलना काफी कठिन होता है। इस समय किए गए कार्य पूरे नहीं होते या उनमें नुकसान होने की संभावना अधिक होती है।

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक अगस्त महीने में पंचक की शुरुआत दो अगस्त से हुई है। दो अगस्त की रात 11.26 बजे पंचक की शुरुआत होगी। पंचक सात अगस्त यानी सोमवार को 1.43 बजे समाप्त होंगे। पंचक के इस पूरे काल के दौरान किसी भी शुभ, नई कार्य या नई शुरुआत को करने से मनाही होती है। वहीं भक्तों को पंचक के दौरान कुछ खास सावधानियां भी बरतनी होती है।

पंचक में बरतें ये सावधानियां

- शास्त्रों के मुताबिक पंचक में किसी तरह का शुभकार्य नहीं किया जाता है। पंचक में शुभ कार्य करने से व्यक्ति को हानि होती है और दुख पहुंचता है।

- पंचक काल में पूजा-पाठ करना चाहिए। इस दौरान ईश्वर को याद करना श्रेष्ठ होता है मगर किसी बड़े धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन नहीं करना चाहिए। रामायण पाठ, मंत्र जप के अनुष्ठान करने से भी बचना चाहिए।

- पंचक में किसी तरह का नया कार्य करना वर्जित होता है, जैसे घर की नींव रखना, छत डालना या गृह प्रवेश करना। वहीं नई चीजें खरीदना मसलन घर के फर्नीचर, नए सामान, ज्वैलरी, बिस्तर खरीदने को टालना चाहिए। वहीं अगर कोई नए घर या ऑफिस को शुरू करने की भी योजना बना रहा है तो ऐसा नहीं करना चाहिए।

- पंचक के दौरान किसी तरह का बड़ा पूजन या आयोजन नहीं होना चाहिए। वहीं संस्कारों को करने से भी परहेज करना चाहिए। इस दौरान विवाह, नामकरण, उपनयन संस्कार नहीं करने चाहिए। 

पंचक से राहत पाने के उपाय

पंचक के दौरान जरुरी है कि ज्योतिष उपाय किए जाए ताकि इसके दुष्प्रभावों के बचा जा सके। इस दौरान गरीबों की सहायता करनी चाहिए। गरीबों को भोजन, वस्त्र, दवाईयों का दान करना चाहिए। ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होने के रास्ते खुलते है। गृहदोष दूर करने के लिए पशु, पक्षियों को चारा और दाना भी महत्वपूर्ण होता है।

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