स्वास्थ्य और ख़ुशी के लिए (व्यंग्य)

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संतोष उत्सुक । Aug 19 2025 6:00PM

उपहार स्वास्थ्य और खुशी के लिए रहा इसलिए मैंने जल्दी से एक डिब्बी निकाली, साथ में नकली तीखी इतर की गंध फिर डिब्बे से बाहर निकल आई। रबर के ढक्कन वाली सुन्दर कंटेनर में 45 ग्राम नवरतन मिक्स रहा जो सिर्फ पचास रु का रहा यानी सिर्फ 1110 रुपए का एक किलो।

पिछले दिनों एक गिफ्ट बॉक्स आया। यह उपहार अनापेक्षित था लेकिन था आकर्षक। इसका डिब्बा बढ़िया, पतले, सख्त गत्ते से बना था जिस पर रंगीन कागज़ लगा था। पैक  का कवर आकर्षक रंगों के से बना था जिस पर छपा था, ‘स्वास्थ्य और ख़ुशी से भरे लम्हों के लिए।’ स्वास्थ्य और ख़ुशी के लिए हम क्या क्या नहीं करते। सुबह सुबह उपदेश देना देना शुरू कर देते हैं। सेहत के नुस्खे उगाने लगते हैं। खैर, पैक खोला तो इसमें प्लास्टिक की चार छोटी डिब्बियों में स्वास्थ्य और खुशी के लिए सामान था। एक तरफ पोली कपड़े की पोटली में नकली तेज़ गंध वाले जंगली फूल थे। इसे सांसों की सेहत सुधारने वाली स्वास्थ्यवर्धक सुगंध नहीं कहा जा सकता। मेरी संवेदनशील नाक को भी यह नहीं भायी। 

उपहार स्वास्थ्य और खुशी के लिए रहा इसलिए मैंने जल्दी से एक डिब्बी निकाली, साथ में नकली तीखी इतर की गंध फिर डिब्बे से बाहर निकल आई। रबर के ढक्कन वाली सुन्दर कंटेनर में 45 ग्राम नवरतन मिक्स रहा जो सिर्फ पचास रु का रहा यानी सिर्फ 1110 रुपए का एक किलो। उसमें उत्पादन तिथि व प्रयोग करने की तारिख अंकित रही। स्वास्थ्य और खुशी बढाने वाले खाद्य पर न्यूट्रीशिन्यल इन्फोर्मेशन, सामग्री विवरण और अलर्जिन डिक्लेरेशन भी थी। ज़रूरी फोन नंबर और ईमेल भी रही आखिर सेहत का मामला रहा। कानून का पूरा पालन करते हुए यह भी छापा गया था कि एक ग्राम एक रुपया ग्यारह पैसे का है ताकि खाने का मज़ा लेते हुए जानकारी खुशी देती रहे कि कितनी महंगी चीज़ खा रहे हैं। स्वास्थ्यवर्धक सूचना भी दी गई थी कि नवरतन मिक्स सौ प्रतिशत रोस्टेड है नो फ्राई।

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दूसरे कंटेनर में स्ट्रॉबेरी ब्लास्ट यानी स्ट्रॉबेरी धमाका था जिसे सेंसेशन भी बताया गया था। स्ट्रॉबेरी और दूसरी चीजों का मिश्रण यह स्वादिष्ट धमाका 135 रूपए का 80 ग्राम रहा यानी 1690 रूपए किलो। तीसरी डिबिया में प्रोटीन रिच बीटन चना, जिसे हिंदी में पीटा हुआ चना कहते हैं। यह 60 रुपए का साठ ग्राम यानी सिर्फ छ सौ रूपए किलो रहा। सबसे प्रभावशाली रहा, ‘पोटैटो फ्लेक्स टेंगी मसाला’। इसका दाम पढ़कर मेरी सेहत पर काफी असर पड़ा। चालाक बाज़ार एक ग्राम आलू दो रूपए में खिला रहा है यानी खर्चने की खुशी दोगुना गुना बढ़ जाए और गर्व महसूस हो कि हमने भी कुछ ज़बर्दस्त खाया है।  

इस उपहार के निर्माता से बात करते तो वह खुले दिल से जोर से हंसकर ऐसे कहते, हमारा तो कर्तव्य यही है। हर चीज़ को शानदार पैक कर उसे ऐसा बना देना कि लोग कहें क्या पैकिंग की है। ऐसे चीज़ नहीं पैकिंग बिकती है। अगर बिकनी शुरू हो जाए तो फिर नाम बिकने लगता है। मैं उससे पूछता कि आपने 20 ग्राम आलू, चालीस रूपए के बेच दिए यानी एक किलो आलू दो हज़ार रूपए के यानी एक ग्राम... । वो बोलता, सर मैं बताता हूं, एक ग्राम दो रूपए के। मैं पूछता, किस रेट से खरीदते हो तो वो बेशर्म होकर बोलता, सर हर धंधे के गुर और राज़ होते हैं। असली चीज़ तो बेचने का मसाला होता है जो सब कुछ बिकवाता है। 

इस किस्म की चीज़ें, सेहत और खुशी बनाए रखने के लिए खानी ज़रूरी हैं। एक बार मिली ज़िंदगी में स्वास्थ्य और खुशी बारे ज्यादा सवाल नहीं करने चाहिएं। पैसा तो क्रेडिट कार्ड की मैल है।

- संतोष उत्सुक

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