कोरोना की स्थिति की समीक्षा के बाद अमरनाथ यात्रा पर फैसला होगा: उपराज्यपाल मुर्मू

 Amarnath Yatra

आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने पूजा का सजीव प्रसारण का सुझाव दिया जिस पर उपराज्यपाल ने कहा कि ऐसी संभावना पर पहले ही चर्चा हो रही है। मुर्मू ने प्रतिनिधिमंडल से आह्वान किया कि वे लंगर लगाने वाले संगठनों के संपर्क में रहे और भरोसा दिया कि जहां भी जरूरत होगी यथासंभव सबसे बेहतर व्यवस्था की जाएगी।

जम्मू। जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल जीसी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि आगामी अमरनाथ यात्रा कोविड-19 को लेकर होने वाली समीक्षा पर निर्भर करेगी क्योंकि इस वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए विस्तृत योजना एवं क्रियान्वयन की जरूरत होती है। उल्लेखनीय है कि दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन के लिए इस साल 23 जून को यात्रा शुरू होने की तारीख निर्धारित की गई है। वहीं पुंछ जिले में दस दिवसीय बुड्ढ़ा अमरनाथ की यात्रा अगस्त में शुरू होनी है। 

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राजभवन में बाबा अमरनाथ और बुड्ढ़ा अमरनाथ यात्री न्यास के नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करने के बाद मुर्मू ने कहा, ‘‘ सरकार यात्रा करने के लिए सभी संभावनाओं पर विचार कर रही है। हालांकि, यह फैसला कोविड-19 संकट की पृष्ठभूमि में होने वाली समीक्षा पर निर्भर करता है।’’ पवन कुमार कोहली के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल से यात्रा से संबंधित विभिन्न चिंताओं पर चर्चा की और यात्रा की अवधि कम करने, कुछ खास आयुवर्ग के श्रद्धालुओं को ही यात्रा करने की अनुमति देने, ऑनलाइन यात्रा का पंजीकरण कराने, हेलीकॉप्टर से यात्रा शुरू करने और स्थिति के अनुरूप पैदल यात्रा की तारीख में देरी करने संबंधी विभिन्न सुझाव दिए। 

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उप राज्यपाल ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी की मौजूदा परिस्थिति के मुताबिक अमरनाथ यात्रा करने पर उचित फैसला सामयिक समीक्षा के आधार पर ही होगा। यात्रा को आयोजित करने के लिए विस्तृत योजना और उसके क्रियान्वयन की जरूरत होती है।’’ उन्होंने कहा कि 20 हजार स्वास्थ्य कर्मी और 30 हजार सुरक्षाबल कोविड-19 को नियंत्रित करने के काम में लगे हैं और यात्रा के लिए उनकी उपलब्धता पर भी विचार किया जाएगा। आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने पूजा का सजीव प्रसारण का सुझाव दिया जिस पर उपराज्यपाल ने कहा कि ऐसी संभावना पर पहले ही चर्चा हो रही है। मुर्मू ने प्रतिनिधिमंडल से आह्वान किया कि वे लंगर लगाने वाले संगठनों के संपर्क में रहे और भरोसा दिया कि जहां भी जरूरत होगी यथासंभव सबसे बेहतर व्यवस्था की जाएगी। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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