Deadly Avalanche in Gulmarg: 2 Polish Nationals देखते देखते बर्फ के नीचे दब गये, 21 अन्य बचाये गये

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ANI

बारामूला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमोद नागपुरे ने बताया कि स्कीइंग करने वाले 21 विदेशी नागरिकों के तीन दल और दो स्थानीय गाइड हापथखुद कांगडोरी में स्की ढलान पर थे कि इसी दौरान दोपहर लगभग 12.30 बजे हिमस्खलन हुआ।

बर्फबारी के मौसम का लुत्फ उठाना सभी को अच्छा लगता है लेकिन कभी कभार बर्फबारी जानलेवा भी हो जाती है। हम आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में इस समय बर्फबारी का मजा लेने के लिए बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक पहुँचे हुए हैं। गुलमर्ग के ऊपरी इलाकों में पड़ी बर्फ में खेलना सभी को भा रहा है इसलिए वहां पर बड़ी संख्या में लोग पहुँच रहे हैं लेकिन बुधवार को यहां पर भारी हिमस्खलन हुआ, जिसके कारण पोलैंड के दो पर्यटकों की मौत हो गई। हिमस्खलन में 21 लोग फंस गए थे जिन्हें बाद में बचा लिया गया। हम आपको बता दें कि दो दिन पहले भारी बर्फबारी के बाद हिमस्खलन की आशंका के कारण हापथखुद कांगडोरी क्षेत्र को बंद कर दिया गया था। इसी स्थान पर यह दुर्घटना घटी।

बारामूला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमोद नागपुरे ने बताया कि स्कीइंग करने वाले 21 विदेशी नागरिकों के तीन दल और दो स्थानीय गाइड हापथखुद कांगडोरी में स्की ढलान पर थे कि इसी दौरान दोपहर लगभग 12.30 बजे हिमस्खलन हुआ। यह पूछे जाने पर कि जिस इलाके में दुर्घटना हुई, क्या वहां हिमस्खलन की चेतावनी थी, नागपुरे ने कहा कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि दो लोगों की मौत हो गई, जबकि हिमस्खलन की चपेट में आये अन्य 21 लोगों को बचा लिया गया। उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान क्रिजिस्ल्टॉफ (43) और एडम ग्रेच (45) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि उनके शव बरामद कर लिये गये हैं।

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प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि हमने अपनी आंखों के सामने मौत का तांडव देखा। स्की करने वालों पर 20 फुट की बर्फ की दीवार गिर गई और वे उसके नीचे दब गए। यह सब कुदरत का कहर है। इस बीच, पुलिस ने बताया कि बचाए गए रूसी नागरिकों की पहचान एकातेरिना, मैक्सिम, व्लादिमीर, वासिली, इंजन, लियो, निकिता मास्त्र्युकोव और अन्ना चोरन्याक के रूप में हुई है। बचाये गये पोलिश नागरिकों में राफत काकमरेन, नार्सिन विक्लक्स, यूकाज पोटाज़ेव्क, तुकाज़ पसेक, कटारजीना फिलिप, मार्सिन राजीक, बारटेओमी स्जकोप, बार्टोज डोमागाटा, एड्रियन अनिरोसु और मैसी कोवाल्जिक शामिल हैं। इसके अलावा, तीन गाइड-पोलैंड से बार्टोस और दो स्थानीय लोगों फैयाज अहमद शेख और मुश्ताक अहमद मीर को भी बचाया गया। उल्लेखनीय है कि जनवरी और फरवरी के दौरान कश्मीर के ऊपरी इलाकों में हिमस्खलन अक्सर होता है, खासकर ताजा बर्फबारी के बाद। गौरतलब है कि कश्मीर में 29 और 30 जनवरी को भारी बर्फबारी हुई थी।

हम आपको यह भी बता दें कि जम्मू-कश्मीर में इससे पहले हिमस्खलन की बड़ी घटना आठ फरवरी, 2010 को हुई थी जब गुलमर्ग में सेना के शिविर में 17 जवानों की मौत हो गयी थी। इसके अलावा 25 फरवरी, 2012 को हिमस्खलन के चलते गुरेज में सैन्य शिविर में 16 सैनिकों की मौत हो गयी थी। यही नहीं, 25-27 जनवरी 2017 के बीच गुरेज और सोनमर्ग इलाकों में हिमस्खलन की कई घटनाएं घटीं थीं जिनमें कई जवानों समेत 20 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा, पांच दिसंबर, 2019 को गुरेज में सेना के शिविर में चार जवानों की मौत हो गयी थी। 14 जनवरी, 2020 को भी कुपवाड़ा जिले के नौगाम और माछिल सेक्टर में हिमस्खलन की कई घटनाओं में 11 सैनिकों की मौत हो गयी थी। अभी इसी साल 12 जनवरी 2023 को सोनमर्ग-जोजिला में एक निर्माण स्थल पर हिमस्खलन से दो मजदूरों की मौत हो गयी थी।

इस बीच, जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों ने घाटी में हाल में हुई बर्फबारी के मद्देनजर चार जिलों में मध्यम स्तर के हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘अगले 24 घंटों में बारामूला, गांदेरबल, कुपवाड़ा, बांदीपोरा में 2,400 मीटर की ऊंचाई से ऊपर मध्यम स्तर का हिमस्खलन होने की आशंका है।’’ उन्होंने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के आने के कारण हिमस्खलन की आशंका अधिक है। अधिकारी ने बताया कि लोगों को हिमस्खलन की आशंका वाले इलाकों में नहीं जाने की सलाह दी गई है।

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