वुहान में 80 भारतीय छात्र अब भी मौजूद, भारत में 3 मामलों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि: सरकार

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[email protected] । Feb 7 2020 7:40PM

सरकार ने राज्यसभा में बताया कि चीन में कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित वुहान क्षेत्र में अभी तक 80 भारतीय छात्र मौजूद हैं, जबकि देश में अब तक तीन मरीजों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुयी है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी।

नयी दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि चीन में कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित वुहान क्षेत्र में अभी तक 80 भारतीय छात्र मौजूद हैं, जबकि देश में अब तक तीन मरीजों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुयी है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी। जयशंकर ने उच्च सदन में बताया कि वुहान शहर से भारतीयों को लेने अलग अलग दिन गये एयर इंडिया के दो विशेष विमान से पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसी देशों के छात्रों को भी साथ आने की पेशकश की गई थी, जिसका मालदीव के सात छात्रों ने लाभ उठाया।

डॉ हर्षवर्द्धन ने देश में कोरोना वायरस के प्रभाव की मौजूदा स्थिति के बारे में स्वत: आधार पर एक वक्तव्य दिया। उनके बयान पर सदस्यों ने स्पष्टीकरण मांगा कि क्या चीन से भारतीयों की स्वदेश वापसी के समय पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी लाने की पहल की गयी थी? इसके जवाब में विदेश मंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने चीन के वुहान क्षेत्र में भारतीय छात्रों को स्वदेश लाने के लिए दो विशेष विमान भेजे थे। उन्होंने बताया कि 80 भारतीय छात्र अभी वुहान में ही हैं। इनमें से 70 छात्र स्वेच्छा से वहां रुके हैं। 

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उन्होंने कहा कि दस भारतीय छात्र चीन में हवाईअड्डे तक आ गए थे। किंतु उन्हें बुखार होने के कारण चीन के अधिकारियों ने देश छोड़ने की अनुमति नहीं दी। जयशंकर ने सदन को आश्वस्त किया कि सरकार चीन में भारतीय नागरिकों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि बीजिंग से भारतीय दूतावास के दो अधिकारी भी वुहान गए थे ताकि छात्रों को वापस स्वदेश भेजा जा सके। विदेश मंत्री की इस घोषणा का सदस्यों ने मेजें थपथपा कर स्वागत किया। 

जयशंकर ने बताया कि भारतीय विमान में पड़ोसी देशों के छात्रों से भी भारत आने की पेशकश की गयी थी। उन्होंने बताया कि इस पेशकश का मालदीव के सात छात्रों ने लाभ उठाया। भाजपा की सदस्य रूपा गांगुली ने पूछा था कि क्या भारत सरकार, चीन के वुहान में फंसे पाकिस्तानी नागरिकों को लाने के लिए भी कोई प्रयास करेगी, क्योंकि देश पहले भी विश्व में इस तरीके से अन्य देशों के नागरिकों की मदद के लिए पहल कर चुका है।

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इससे पहले डॉ हर्षवर्द्धन ने कहा कि हमारे देश में अभी तक चीन से आये लोगों में, कोरोना वायरस के तीन पॉजिटिव मामलों की पुष्टि हुई है। इन लोगों ने अतीत में चीन के वुहान क्षेत्र की यात्रा की थी। उन्होंने कहा कि इन तीनों को पृथक किया गया है और क्लीनिकल आधार पर उनकी स्थिति स्थिर बताई गई है। डॉ हर्षवर्द्धन ने बताया कि सरकार ने पूरे देश में स्थिति पर निगरानी रखने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में मंत्रियों का एक समूह (जीओएम)बनाया है। 

डॉ हर्षवर्द्धन ने बताया कि जीओएम में विदेश मंत्री, नागर विमानन मंत्री, गृह राज्य मंत्री, जहाजरानी राज्य मंत्री, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री को शामिल किया गया है। हर्षवर्द्धन ने कहा कि कैबिनेट सचिव विभिन्न विभागों और राज्य के मुख्य सचिवों के साथ स्थिति की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने बताया किस्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय स्थिति की सतत समीक्षा कर रहा है और आए दिन राज्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग की जाती है।

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उन्होंने बताया कि नोवेल कोरोना वायरस फैलने की आशंका को देखते हुए भारत सरकार ने 17 जनवरी को पहला यात्रा परामर्श जारी किया था। यात्रा परामर्शों की भी समीक्षा की जा रही है। हर्षवर्द्धन ने कहा कि वर्तमान में चीन से आने वाले किसी भी विदेशी नागरिक को मिला वर्तमान वीजा, जिसमें ई-वीजा भी शामिल है, वैध नहीं है। लोगों को चीन की यात्रा न करने की सलाह दी गई है तथा चीन से लौटे लोगों को अलग रखा जा रहा है।उन्होंने बताया कि जिन लोगों को भारत की यात्रा करने के लिए, बहुत ही मजबूरी हो, उनसे बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास अथवा शंघाई या गुआंग्झाओ स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास से संपर्क करने को कहा गया है।

हर्षवर्द्धन ने बताया कि दिल्ली, मुंबई, चेन्नई सहित कुल 21 हवाईअड्डों पर 28 जनवरी से यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। सिंगापुर, थाईलैंड, हांगकांग एवं चीन से आने वाली सभी उड़ानों के लिए सार्वभौम थर्मल स्क्रीनिंग को अनिवार्य बना दिया गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक कुल 1275 उड़ानों की स्क्रीनिंग की गई है जिसमें 139539 यात्रियों की स्क्रीनिंग शामिल है। इन यात्रियों में से 150 में लक्षण मिलने पर उन्हें पृथक सुविधाओं में रखा गया है। उन्होंने बताया कि 12 प्रमुख बंदरगाहों एवं सभी छोटे बंदरगाहों पर चीन से आने वाले यात्रियों एवं चालक दल के सदस्यों की स्क्रीनिंग की जा रही है तथा उनमें लक्षण मिलने पर पृथक सुविधाओं में रखा जा रहा है।

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हर्षवर्द्धन ने बताया कि नेपाल में एक मामले की पुष्टि होने के कारण सभी समन्वित चौकियों पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है और इसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, बिहार तथा सीमा सशस्त्र बल एवं भूमि पत्तन अधिकारियों का सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 31 जनवरी और एक फरवरी को दिल्ली से वुहान के लिए एयर इंडिया की दो विशेष उड़ानें भेजी गई थीं। इन उड़ानों के जरिये कुल 654 यात्रियों को लाया गया जिनमें 647 भारतीय एवं सात मालदीव के नागरिक थे। इनमें दो भारतीय दूतावास के अधिकारी थे जो वुहान में भारतीयो को निकालने के अभियान में समन्वय कर रहे थे।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने बताया कि चीन में भारतीय दूतावास एवं वाणिज्य दूतावास भारतीय समुदाय के साथ निरंतर संपर्क बनाए हुए है ताकि उनके कुशल-क्षेम के बारे में जानकारी ली जा सके। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि भारत सरकार स्थिति पर निरंतर निगरानी रखी गई है तथा नोवेल कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। मंत्री के बयान के बाद बीजद के अमर पटनायक ने उनसे स्पष्टीकरण मांगते हुए पूछा कि क्या कोरोना वायरस मांस खाने से फैलता है। इस पर हर्षवर्द्धन ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई विस्तृत अध्ययन नहीं हुआ है जिससे यह पुष्टि हो सके कि यह वायरस मांस खाने से फैलता है।

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