अधीर रंजन ने नयी शिक्षा नीति में बंगाली को शास्त्रीय भाषा के रूप में सूचीबद्ध करने की मांग की

Adhir Ranjan

अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को यह पत्र नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रविंद्र नाथ ठाकुर की 79वीं पुण्यतिथि पर लिखा। उल्लेखनीय है कि नयी शिक्षा नीति में संस्कृत, तमिल, कन्नड, तेलुगू, मलयालम ओडिया को शास्त्रीय भाषाओं की सूची में शामिल किया गया है।

कोलकाता। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने केंद्र की नयी शिक्षा नीति-2020 में बंगाली को शास्त्रीय के रूप में सूचीबद्ध करने की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है। चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में शास्त्रीय की श्रेणी में किसी को शामिल करने की विशेषताओं को जानना चाहा। उन्होंने कहा, ‘‘शास्त्रीय की श्रेणी में किसी को रखने के लिए क्या विशेषता होनी चाहिए? बंगाली दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली 15वीं है, यह मूलत: साहित्यिक परंपरा पर आधारित है।’’ 

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कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘मानवशास्त्रीय और पुरातात्विक साक्ष्य इंगित करता है कि बंगाली भाषी कई जातीय समूहों से मिलकर बने और उन्हें बंगाली जोड़ती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं भारत की नयी शिक्षा नीति में बंगाली को शास्त्रीय की श्रेणी में शामिल करने के लिए विचार करने का आग्रह करूंगाताकि देश में शास्त्रीय भाषाओं की सूची का निर्धारण करने के लिए अर्हता की गहराई से संदर्भित हो सके।’’ 

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अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को यह पत्र नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रविंद्र नाथ ठाकुर की 79वीं पुण्यतिथि पर लिखा। उल्लेखनीय है कि नयी शिक्षा नीति में संस्कृत, तमिल, कन्नड, तेलुगू, मलयालम ओडिया को शास्त्रीय भाषाओं की सूची में शामिल किया गया है। नयी शिक्षा नीति को 29 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी जो 34 साल पुरानी शिक्षा नीति का स्थान लेगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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