Aditya L1 Launch: रॉकेट से अलग होकर अपनी यात्रा पर निकला आदित्य-L1, अब 125 दिनों का सफर शुरू

चौथे चरण की कामयाबी के बाद ये कक्षा में स्थापित हो गया। आदित्य एल1 पीएसएलवी के चौथे चरण से अलग हो गया है और अब यह हमेशा के लिए अपने दम पर अंतरिक्ष में अपनी यात्रा शुरू कर चुका है।
चंद्रयान 3 के चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग के 10 दिन बाद ही सूर्ययान की सफल लॉन्चिंग की गई है। श्रीहरिकोटा से आदित्य एल1 की सफल लॉन्चिंग की गई है। आदित्य एल1 की सफल लॉन्चिंग पर पीएम मोदी ने भी वैज्ञानिकों को बधाई दी है। चौथे चरण की कामयाबी के बाद ये कक्षा में स्थापित हो गया। आदित्य एल1 पीएसएलवी के चौथे चरण से अलग हो गया है और अब यह हमेशा के लिए अपने दम पर अंतरिक्ष में अपनी यात्रा शुरू कर चुका है।
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आदित्य-एल1 मिशन के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. शंकरसुब्रमण्यम के ने कहा कि सौर हेलियोफिजिक्स और खगोल विज्ञान दोनों डेटा पर पनपते हैं। सूर्य हमारा अपना तारा है और इसे समझना हमारे रोजमर्रा के जीवन के लिए कहीं अधिक महत्वपूर्ण है... इसलिए सात पेलोड की कल्पना की गई थी इस मिशन के लिए डेटा का एक अनूठा सेट प्रदान किया जाएगा जो वर्तमान में किसी अन्य मिशन से उपलब्ध नहीं है।
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यहां से इसकी 125 दिन की यात्रा शुरू हो चुकी है। यहां से यह धरती के चारों तरफ 16 दिनों तक पांच ऑर्बिट मैन्यूवर करके सीधे धरती की गुरुत्वाकर्षण वाले क्षेत्र यानी स्फेयर ऑफ इंफ्लूएंस (SOI) से बाहर जाएगा। आज सुबह 11:50 बजे इसे लॉन्च किया गया। जब मिशन को लॉन्च किया गया तो उस दौरान श्रीहरिकोटा के व्यूवर्स गैलरी में मौजूद भीड़ ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाए।
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