अरविंद केजरीवाल से मिले आदित्य ठाकरे, कहा- सरकारें आती-जाती रहती हैं लेकिन रिश्ता बना रहेगा

Aditya Thackeray met Arvind Kejriwal
ANI
अंकित सिंह । Feb 13 2025 2:02PM

ठाकरे ने कहा कि मतदाताओं के नाम हटाने के मुद्दे पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है। हम इन मुद्दों पर व्यक्तिगत रूप से और टेलीफोन कॉल दोनों पर बात करते हैं। जो लोग फोन टैप कर रहे हैं उन्हें ये बात पता होनी चाहिए।

आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे और अन्य शिव सेना (यूबीटी) नेताओं से मुलाकात की। इसके बाद आदित्य ठाकरे ने कहा कि शिव सेना यूबीटी यहां उन्हें यह बताने आई थी कि सरकारें आती-जाती रहती हैं लेकिन हमारा रिश्ता बना रहेगा। दिल्ली की जनता जानती है कि उन्होंने पिछले 10 साल में क्या काम किया है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव (दिल्ली में) में चुनाव आयोग की बड़ी भूमिका थी। चाहे वह इंडिया गठबंधन हो या सभी विपक्षी दल, हमें यह सोचना चाहिए कि हमारा अगला कदम क्या होगा क्योंकि हमारे लोकतंत्र में चुनाव अब स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं हैं। 

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ठाकरे ने कहा कि मतदाताओं के नाम हटाने के मुद्दे पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है। हम इन मुद्दों पर व्यक्तिगत रूप से और टेलीफोन कॉल दोनों पर बात करते हैं। जो लोग फोन टैप कर रहे हैं उन्हें ये बात पता होनी चाहिए। इससे पहले इंडिया गठबंधन को लेकर आदित्य ठाकरे ने कहा था कि आज आपके देश का भविष्य संदेह में है। आज देश में मतदाता धोखाधड़ी और ईवीएम धोखाधड़ी के बीच हमें नहीं पता कि हमारा वोट कहां जा रहा है। क्या आज हमारे देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव हो रहे हैं? हमें लगता है कि हम लोकतंत्र में रह रहे हैं, लेकिन अब यह लोकतंत्र नहीं रहा।

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उन्होंने कहा कि जो हमारे और केजरीवाल जी और कांग्रेस के साथ हुआ, वही भविष्य में नीतीश जी, राजद और चंद्रबाबू जी नायडू के साथ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन में संयुक्त नेतृत्व है। कोई एक नेता नहीं है। यह अहंकार या किसी के फायदे की लड़ाई नहीं है बल्कि देश के भविष्य की लड़ाई है। सेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को सम्मानित करने के लिए शरद पवार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मैं उनकी (शरद पवार) उम्र, वरिष्ठता और सिद्धांतों के बारे में बात नहीं करूंगा। हमारा सिद्धांत है कि हम ऐसे व्यक्ति (एकनाथ शिंदे) का कभी सम्मान न करें।' उन्होंने (एकनाथ शिंदे) न सिर्फ हमारी पार्टी और परिवार को बल्कि महाराष्ट्र की रीढ़- राज्य में औद्योगीकरण को भी विभाजित कर दिया है। 

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