राजनीति में आने से पहले एक गुड़ व्यापारी थे ई के पलानीस्वामी, जयललिता के बाद तमिलनाडु की संभाली थी सत्ता

EK Palaniswami
निधि अविनाश । Mar 2 2022 11:05AM

आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन राजनीति में आने से पहले पलानीस्वामी एक गुड़ व्यापारी थे और उन्हें उस समय गुड़ पलानीस्वामी के नाम से जाना जाता था। साल 1989 के राज्य विधानसाभ चुनावों के दौरान में जब अन्नाद्रमुक दो गुटों में बंट गई तब उन्होंने जयललिता के नेतृत्व में मुर्गा चुनाव चिह्न के साथ चुनाव लड़ा।

छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले ई के पलानीस्वामी का जन्म 2 मार्च, 1954 को तमिलनाडु के सलेम जिले में हुआ था। 1974 में वह एआईएडीएमके से जुड़े। वहीं 2017 में वह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बनने में कामयाब रहे। पलानीस्वामी ने 1989,1991, 2011 और 2016 में एडप्पादी निर्वाचन क्षेत्र से चार बार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन राजनीति में आने से पहले पलानीस्वामी एक गुड़ व्यापारी थे और उन्हें उस समय गुड़ पलानीस्वामी के नाम से जाना जाता था। साल 1989 के राज्य विधानसाभ चुनावों के दौरान में जब अन्नाद्रमुक दो गुटों में बंट गई तब उन्होंने जयललिता के नेतृत्व में मुर्गा चुनाव चिह्न के साथ चुनाव लड़ा। साल 2016 में राज्य की मुख्यमंत्री जयललिता का निधन हुआ तो शशिकला की मदद से के पलानीस्वामी राज्य के सीएम बने।2017 से 2021 तक तमिलनाडु के 7वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।

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2019 में वह तमिलनाडु में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त अरब अमीरात के 13 दिवसीय दौरे पर गए। वहां रहते हुए उन्होंने तमिल डायस्पोरा को तमिलनाडु में फिर से निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए यादम ऊरे कार्यक्रम की शुरुआत की। यात्रा के दौरान उन्होंने 3 लाख करोड़ रुपये का विदेशी निवेश हासिल किया, जो कि उनकी पूर्ववर्ती जयललिता से भी अधिक राशि थी। फरवरी 2020 में, पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने कावेरी डेल्टा क्षेत्र को संरक्षित विशेष कृषि क्षेत्र घोषित किया। इस घोषणा का राजनीतिक दलों और किसान संगठनों ने व्यापक रूप से स्वागत किया। उनके शासन के तहत, तमिलनाडु को अक्टूबर 2020 में पब्लिक अफेयर्स सेंटर  के आधार पर सर्वश्रेष्ठ शासित राज्य के रूप में दर्जा दिया गया था। पलानीस्वामी की उनके प्रशासन के दौरान भी प्रशंसा की जाती है। 3 मई 2021 को, पलानीस्वामी ने 2021 तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में AIADMK की हार के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मई 2021 में पार्टी के विधानसभा चुनाव हारने के बाद, पलानीस्वामी ने एडप्पाडी निर्वाचन क्षेत्र जीता और तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चुने गए।

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