10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तेंदुएं को काबू में कर वन विभाग ने शनिवार सुबह शिवालिक क्षेत्र के जंगल में तेंदुए को छोड़ा

सहारनपुर के शिवालिक वन क्षेत्र में तेंदुए को छोड़ दिया

मेरठ के लोगों ने अब राहत की सांस ली है। वन विभाग की टीम ने शनिवार सुबह करीब छह बजे सहारनपुर के शिवालिक वन क्षेत्र में तेंदुए को छोड़ दिया है।

मेरठ के पल्लवपुरम फेज-2 की आवासीय क्षेत्र में 10 घंटे तक कोहराम मचाने वाले तेंदुए को वन विभाग की टीम ने देर रात काबू में कर शनिवार सुबह सहारनपुर के शिवालिक वन क्षेत्र में पहुंचा दिया और 9.30 बजे तेंदुए को शिवालिक के जंगलों में सफलता पूर्वक छोड़ दिया गया। वन विभाग की टीम ने शिवालिक जंगल में जाकर तेंदुए के पिंजड़े को खोला। पिंजड़ा खुलते ही 12 घंटे से कैद तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया।

शुक्रवार सुबह एक तेंदुआ पल्लवपुरम फेज-2 के आवासीय क्षेत्र में घुस आया था। तेंदुआ सबसे पहले एक शिक्षिका के घर में जा बैठा। इस दौरान तेंदुए को देखने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई थी। वहीं लगभग 10 घंटे तक तेंदुआ उछल कूद और आंख मिचौली का खेल खेलता रहा। कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम ने रात के समय तेंदुए को पकड़ लिया था। हालांकि दिनभर पल्लवपुरम क्षेत्र ही नहीं पूरे शहर में तेंदुए को लेकर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। 

डीएफओ राजेश कुमार के अनुसार यह तेंदुआ खेतों के रास्ते मेरठ के रिहायशी इलाके में पहुंचा था। पल्लवपुरम के लोग और तेंदुआ दोनों आपस में अंजान थे। मगर जाते-जाते तेंदुआ मेरठ से अपना नाम लेता गया। डीएफओ राजेश कुमार ने युवा मेहमान को पल्लव नाम दिया। कहा तेंदुआ पल्लवपुरम में निकला इसलिए इसका नाम पल्लव होगा। 10 घंटे की मशक्कत के बाद पकड़े गए तेंदुए को डीएफओ सहित वन विभाग के अन्य कर्मचारी मिलकर तीन गाड़ियों के साथ रात को शिवालिक ले गए, जहां आज इसे छोड़ दिया गया है।

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