भारत और डेनमार्क के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर, PM मोदी बोले- हमारे संबंधों में आई निकटता
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विदेश मंत्रालय का कहा कि दोनों नेताओं ने कौशल विकास, जलवायु, नवीकरणीय ऊर्जा, आर्कटिक, पी2पी संबंधों आदि के क्षेत्रों में हमारे व्यापक सहयोग पर भी चर्चा की। भारत और डेनमार्क ने कोपेनहेगन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और डेनिश प्रधान मंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन की उपस्थिति में आशय पत्र और समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान भी किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 दिनों की यूरोप यात्रा पर हैं। इसी कड़ी में आज वह डेनमार्क पहुंचे थे जहां उन्होंने प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इसके बाद प्रधानमंत्री ने मोदी ने अपने शानदार स्वागत के लिए धन्यवाद भी दिया। पीएम मोदी और डेनमार्क के पीएम मेटे फ्रेडरिकसेन के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। दोनों पक्षों ने हरित सामरिक साझेदारी में प्रगति की समीक्षा की। विदेश मंत्रालय का कहा कि दोनों नेताओं ने कौशल विकास, जलवायु, नवीकरणीय ऊर्जा, आर्कटिक, पी2पी संबंधों आदि के क्षेत्रों में हमारे व्यापक सहयोग पर भी चर्चा की। भारत और डेनमार्क ने कोपेनहेगन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और डेनिश प्रधान मंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन की उपस्थिति में आशय पत्र और समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान भी किया।
इसके बाद मेटे फ्रेडरिक्सन ने कहा कि हम कई मूल्य साझा करते हैं। हम दो लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं, हम दोनों एक नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में विश्वास करते हैं। ऐसे समय में हमें अपने बीच और भी मजबूत पुल बनाने की जरूरत है। करीबी साझेदार के रूप में, हमने यूक्रेन में युद्ध पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमने यूक्रेन में नागरिकों के खिलाफ किए गए भयानक अपराधों और गंभीर मानवीय संकट के परिणामों पर चर्चा की। बुचा में नागरिकों की हत्या की खबरें बेहद चौंकाने वाली हैं। हमने इन हत्याओं की निंदा की है और हम एक स्वतंत्र जांच की आवश्यकता पर बल देते हैं। उन्होंने कहा कि मेरा संदेश बहुत स्पष्ट है - पुतिन को इस युद्ध को रोकना होगा और हत्याओं को समाप्त करना होगा। मुझे उम्मीद है कि भारत इस चर्चा में रूस को भी प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा कि डेनमार्क और भारत हमारी हरित सामरिक साझेदारी को कुछ ठोस परिणामों में बदलने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।Delegation level talks held between PM Modi & Danish PM Mette Frederiksen
— ANI (@ANI) May 3, 2022
Both sides reviewed progress in Green Strategic Partnership. They also discussed our wide-ranging cooperation in areas of skill development, climate, renewable energy, Arctic, P2P ties, etc, says MEA. pic.twitter.com/KyudsfZt35
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नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपके खूबसूरत देश में मेरी ये पहली यात्रा है और अक्टूबर में मुझे आपका स्वागत करने का मौका मिला। इन दोनों यात्राओं से हमारे संबंधों में निकटता आई है। हमारे दोनों देश लोकतंत्र और कानून के शासन जैसे मूल्यों को तो साझा करते ही हैं, साथ में हम दोनों की कई पूरक ताकत भी हैं। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2020 में भारत-डेनमार्क वर्चुअल समिट के दौरान हमने अपने संबंधों को ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया था। हमारी आज की चार्चा के दौरान हमने अपने ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के ज्वाइंट प्लांन की चर्चा की। उन्होंने कहा कि 200 से अधिक डेनिश कंपनियां भारत में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं जैसे पवन ऊर्जा, शिपिंग, कंसल्टेंसी, इंजीनियरिंग आदि। इन्हें भारत में बढ़ते ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और हमारे व्यापक आर्थिक सुधारों का लाभ मिल रहा है। हमने एक फ्री, खुला, समावेशी और Rules-based इंडो-पसिफ़िक क्षेत्र को सुनिश्चित करने पर जोर दिया। हमने यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम और समस्या के समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति का रास्ता अपनाने की अपील की।
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