RSS को भाजपा से जोड़कर समझना बड़ी गलती, Mohan Bhagwat ने ऐसा क्यों कहा?

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ को केवल राजनीतिक नजरिए या भाजपा के संदर्भ में समझना एक बड़ी भूल है। कोलकाता में उन्होंने स्पष्ट किया कि आरएसएस सिर्फ एक सेवा संगठन नहीं, बल्कि समाज में नैतिक और निस्वार्थ नागरिकों को गढ़ने का माध्यम है। भागवत ने राष्ट्र निर्माण के लिए सनातन मूल्यों और स्वदेशी को अपनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने संगठन की छवि और कार्यशैली को लेकर चल रही धारणाओं पर बड़ा बयान दिया है। कोलकाता में आयोजित 'व्याख्यान माला' कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि संघ को राजनीति या केवल एक सेवा संगठन के चश्मे से देखना गलतफहमी पैदा करता है।
राजनीति से अलग पहचान
भागवत ने स्पष्ट किया कि कई लोग संघ को केवल भाजपा से जोड़कर देखते हैं, जो एक बड़ी गलती है। उन्होंने कहा कि संघ की अपनी एक स्वतंत्र और व्यापक पहचान है। संघ का मुख्य उद्देश्य समाज में सज्जन (नैतिक रूप से ईमानदार) लोगों का निर्माण करना है। ऐसे लोग जो निस्वार्थ सेवा और मूल्यों के साथ राष्ट्र के विकास में योगदान दें।
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संघ के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में सिलीगुड़ी और कोलकाता में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें डॉक्टर, वकील, पूर्व अधिकारी और युवाओं समेत समाज के हर वर्ग के लोग हिस्सा ले रहे हैं।
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युवाओं से चर्चा के दौरान उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सनातन सांस्कृतिक मूल्यों और आत्मनिर्भरता को अपनाने पर जोर दिया।
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