हवा की गुणवत्ता हुई खराब, दिल्ली-NCR में फिर से छाने लगी धुंध की परत
केंद्र सरकार द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (सफर) ने कहा कि पराली जलने से निकलने वाला धुआं 15 अक्टूबर तक दिल्ली के प्रदूषण का छह फीसदी हिस्सा बन जाएगा।ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के 10 सदस्यीय कार्य बल ने शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा से पराली जलने की घटनाओं और दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता पर इसके संभावित प्रभाव को लेकर एक बैठक आयोजित की थी।
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के ऊपर फिर से धुंध की परत छाने लगी है। रविवार को दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब हो गई। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 245 पर पहुंच गया, जो खराब श्रेणी में आता है। राजधानी के पास के क्षेत्रों गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा, बागपत, मुरथल में एक्यूआई क्रमश: 287, 233, 275, 258 और 245 दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा के करनाल जिले में हवा की गुणवत्ता रातोंरात ‘‘बहुत खराब’’ पर पहुंच गई, जहां एक्यूआई सूचकांक 351 को छू गया। 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी का माना जाता है।
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शनिवार को, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली के जलने से निकलने वाले धुआं दिल्ली पहुंचने लगा है और हवा की गुणवत्ता बिगड़ने लगी है। उन्होंने कहा, ‘‘व्यापक रूप से कहा गया है कि दिल्ली में आने वाला धुआं हरियाणा के करनाल में पराली जलने के कारण आता है।’’ केंद्र सरकार द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (सफर) ने कहा कि पराली जलने से निकलने वाला धुआं 15 अक्टूबर तक दिल्ली के प्रदूषण का छह फीसदी हिस्सा बन जाएगा।ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के 10 सदस्यीय कार्य बल ने शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा से पराली जलने की घटनाओं और दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता पर इसके संभावित प्रभाव को लेकर एक बैठक आयोजित की थी।
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