अपने पहले विदेशी प्रसारण की 80वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाएगा आकाशवाणी
राष्ट्रीय रेडियो प्रसारक ने फैसला किया है कि इस ऐतिहासिक अवसर की 80वीं वर्षगांठ पर पूरे साल जश्न मनाया जाएगा और इसकी शुरूआत इसी हफ्ते से होगी। यह जश्न अगले साल एक अक्तूबर तक चलेगा।
नयी दिल्ली। एक अक्तूबर 1939 को आकाशवाणी ने विदेशी श्रोताओं के लिए अपना पहला प्रसारण किया था। यह प्रसारण पश्तो सेवा के जरिए किया गया था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी जर्मनी के दुष्प्रचार का मुकाबला करने के मकसद से तत्कालीन ब्रिटिश शासकों ने इस सेवा की शुरुआत की थी। राष्ट्रीय रेडियो प्रसारक ने फैसला किया है कि इस ऐतिहासिक अवसर की 80वीं वर्षगांठ पर पूरे साल जश्न मनाया जाएगा और इसकी शुरूआत इसी हफ्ते से होगी। यह जश्न अगले साल एक अक्तूबर तक चलेगा।
अधिकारियों ने बताया कि आकाशवाणी की विदेशी सेवा की शुरुआत तो हुई थी ब्रिटिश उपनिवेशवादियों के दुष्प्रचार को फैलाने की मंशा से, लेकिन अब इसने विश्व मंच पर ‘भारत की आवाज’ का रूप ले लिया है। आकाशवाणी के विदेशी सेवा प्रभाग के प्रमुख अमलानज्योति मजुमदार ने बताया, ‘‘पिछले साल फैसला किया गया था कि एक अक्तूबर को विदेशी प्रसारण दिवस के तौर पर मनाया जाएगा और सोमवार को ऐसा पहला अवसर होगा। विदेश में सभी भारतीय मिशन विदेशी प्रसारण दिवस मनाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मिशन वह सामग्री सर्कुलेट करने वाले हैं जो हमने उन्हें भेजा है, ताकि संबंधित देशों में श्रोताओं को आकाशवाणी की विदेशी सेवाओं की मौजूदगी के बारे में जागरूक किया जा सके।’’ मजुमदार ने कहा कि अगले साल आकाशवाणी के पहले विदेशी प्रसारण की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर जश्न की शुरुआत सोमवार को सिरी फोर्ट सभागार में सांस्कृतिक कार्यक्रम से होगी। उन्होंने कहा कि अगले एक साल तक चलने वाले जश्न के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई गई है।
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