‘नारा-ए-तकबीर’ और ‘वाहे गुरु का खालसा’ भी बोलें मोदीः आजम

[email protected] । Oct 28 2016 3:03PM

आजम खां ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए आज कहा कि मोदी को सार्वजनिक मंच पर ‘जय श्रीराम’ के साथ-साथ ‘नारा-ए-तकबीर’ और ‘वाहे गुरु का खालसा’ का नारा भी लगाना चाहिये।

बरेली। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ काबीना मंत्री आजम खां ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए आज कहा कि मोदी को सार्वजनिक मंच पर ‘जय श्रीराम’ के साथ-साथ ‘नारा-ए-तकबीर’ और ‘वाहे गुरु का खालसा’ का नारा भी लगाना चाहिये। खां ने गुरुवार शाम यहां संवाददाताओं से बातचीत में प्रधानमंत्री के ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने पर ऐतराज जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री तो संवैधानिक पद है और इस लिहाज से मोदी तमाम मजहबों को मानने वाले लोगों के प्रधानमंत्री हैं। अगर उन्होंने ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाया था तो उन्हें ‘नारा-ए-तकबीर अल्लाहु अकबर’ और ‘वाहे गुरु का खालसा, वाहे गुरु की फतेह’ भी बोलना चाहिए था।

मालूम हो कि प्रधानमंत्री ने गत 11 अक्तूबर को दशहरा के मौके पर लखनऊ में आयोजित सभा में कई बार ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाया था। इसे लेकर विपक्षी दल उनकी आलोचना कर रहे हैं। ‘तीन तलाक’ के मसले पर खां ने कहा कि तलाक कैसे होगा, शादी कैसे होगी और नमाज कैसे पढ़ी जाएगी, यह पर्सनल लॉ से ही तय होगा।

अयोध्या में भगवान राम का स्मारक बनाए जाने के सवाल पर खां ने कहा कि अल्लाह ने एक लाख 40 हजार पैगम्बर दुनिया में भेजे हैं। उनमें से 20 के नाम भी कुरान शरीफ में हैं। राम और कृष्ण हमारे रहनुमा पेशवा हो भी सकते हैं और नहीं भी। विद्वानों के बीच इस मुद्दे पर बहस चल रही है। ऐसे में भाजपा के अयोध्या में स्मारक बनाने पर हमें एतराज है। खां ने कहा कि किसी की यादगार को मिटाकर उस जगह किसी और की यादगार बनाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में मस्जिद बाबर ने नहीं बनवाई थी। मस्जिद किसी के भी नाम पर हो सकती है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच जारी वर्चस्व की जंग पर सीधे टिप्पणी करने से बचते हुए खां ने कहा कि जब विवाद का खामियाजा सभी लोग भुगत रहे हैं तो वह खुद भी भुगत लेंगे।

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