इस साल अमरनाथ यात्रियों की बड़ी संख्या को देखकर खुश हैं टैंट और खच्चर वाले

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Prabhasakshi

2019 में अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद सुरक्षा कारणों से अमरनाथ यात्रा बीच में ही रोक दी गयी थी और उसके बाद दो साल कोरोना में निकल गये जिससे इस यात्रा का आयोजन नहीं हो सका था लेकिन अब जब हालात में सुधार आया है तो श्रद्धालुओं की भीड़ आने से कारोबार अच्छा हो रहा है।

कड़ी सुरक्षा के बीच पवित्र अमरनाथ यात्रा जारी है। मंगलवार सुबह भी 6,300 से अधिक तीर्थयात्रियों का छठा जत्था पवित्र अमरनाथ गुफा के दर्शन के लिए रवाना हुआ। अधिकारियों ने बताया है कि अभी तक 72000 से अधिक तीर्थयात्री पवित्र गुफा में बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं। तीर्थयात्रियों की संख्या जिस तरह तेजी से बढ़ रही है उसको देखते हुए इस बार पिछले सभी रिकॉर्ड टूटने की उम्मीद जताई जा रही है। तीन साल के अंतराल के बाद शुरू हुई अमरनाथ यात्रा को लेकर जहां श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है वहीं यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को पालकी की सेवा प्रदान करने वाले, घोड़े और खच्चर वाले, टैंट वाले या जरूरी सामान बेचने वाले लोग बहुत खुश हैं। इन लोगों का कहना है कि 2019 में अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद सुरक्षा कारणों से अमरनाथ यात्रा बीच में ही रोक दी गयी थी और उसके बाद दो साल कोरोना में निकल गये जिससे इस यात्रा का आयोजन नहीं हो सका था लेकिन अब जब हालात में बड़ा सुधार आया है तो श्रद्धालुओं की भीड़ आने से कारोबार अच्छा हो रहा है। प्रभासाक्षी संवाददाता ने जब इन लोगों की प्रतिक्रिया जाननी चाही तो सभी ने अपनी खुशी जताई।

उपराज्यपाल ने लिया सुविधाओं का जायजा

वहीं अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा और यात्रियों की सुविधाओं को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। कहीं कोई कमी ना रह जाये इसके लिए स्वयं जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए बनाए गए बालटाल आधार शिविर का दौरा कर वहां पर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उपराज्यपाल ने बालटाल आधार शिविर में श्री अमरनाथजी तीर्थयात्रियों, अधिकारियों और खच्चर वालों से बातचीत की। उन्होंने सुविधाओं, सेवाओं की गुणवत्ता, यात्रियों, स्वयंसेवकों की भलाई के बारे में पूछताछ की और नियंत्रण कक्षों का निरीक्षण भी किया।

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सुरक्षा बल पूरी तरह मुस्तैद

दूसरी ओर, अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बल किस तरह मुस्तैद हैं इसका उदाहरण सोमवार को तब देखने को मिला जब महाराष्ट्र के अकोला निवासी सत्यनारायण तोशनेयार बरारीमार्ग में अमरनाथ तीर्थ यात्रा से लौटते समय खच्चर समेत नदी में गिरने से गंभीर रूप से घायल हो गये। सत्यनारायण तोशनेयार के सिर में चोट आई है और उनकी पसलियां टूट गईं हैं। दरअसल उनके खच्चर का संतुलन बिगड़ने से वह सिंद नदी की ओर 100 फीट नीचे गिर गए थे। जैसे ही घटना की सूचना मिली वैसे ही बचाव दल उन्हें सुरक्षित निकाल कर पहले सेना के शिविर तक लाया, फिर उन्हें हेलीकॉप्टर द्वारा नीचे श्रीनगर के अस्पताल ले जाया गया।

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अमरनाथ यात्रियों की प्रतिक्रिया जान रहा है प्रशासन

इस बीच, यात्रियों को दी जा रही सुविधाओं पर श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया भी जानी जा रही है ताकि अगर कहीं कोई कमी है तो उसे दुरुस्त किया जा सके। हम आपको बता दें कि अमरनाथ की यात्रा करने वाले तीर्थयात्री अब सुविधाओं में सुधार के लिए तीर्थ अधिकारियों को अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने तीर्थयात्री फीडबैक सेवा (पीएफएस) शुरू की है। इसके जरिये लोग सुझाव और टिप्पणी देने के अलावा, शिविरों में यात्रा सुविधाओं, आवास, स्वच्छता और भोजन की गुणवत्ता पर अपने अनुभव का मूल्यांकन कर सकते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि हम लोग यात्रा करने वाले सभी लोगों से सीधे एसएमएस के जरिए प्रतिक्रिया ले रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि सुविधाओं के निरंतर उन्नयन के लिए प्रतिक्रियाओं का उपयोग किया जा रहा है। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अलावा जम्मू नगर निगम ने जम्मू शहर में तीर्थयात्रियों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए दो महीने के लिए युवा अनुसंधान सहायकों को भी नियुक्त किया है।

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