अमित शाह, स्मृति ईरानी ने राज्यसभा चुनाव के लिए पर्चा भरा

amit shah files nomination for RS election
[email protected] । Jul 28 2017 5:21PM

अमित शाह ने आज राज्यसभा चुनावों के लिए गुजरात से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। राज्य से होने वाले द्विवार्षिक चुनावों में पार्टी ने शाह और केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को उम्मीदवार बनाया है।

गांधीनगर। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज राज्यसभा चुनावों के लिए गुजरात से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। राज्य से होने वाले द्विवार्षिक चुनावों में पार्टी ने शाह और केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को उम्मीदवार बनाया है। ईरानी ने भी शाह के साथ ही नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन के समय गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल तथा पार्टी के अन्य कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

राज्य में तीन सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। एक सीट पर कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को उम्मीदवार बनाया है लेकिन उनके लिए गुरुवार को तब मुश्किल खड़ी हो गयी जब कांग्रेस को एक और झटका देते हुये शंकर सिंह वाघेला के करीबी माने जाने वाले पार्टी के 6 विधायक भाजपा में शामिल हो गए। वहीं, भगवा पार्टी ने फौरन ही उनमें से एक को कांग्रेस के अहमद पटेल के खिलाफ राज्यसभा चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। राज्य में अगले महीने राज्यसभा के लिए चुनाव होना है। विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक बलवंतसिंह राजपूत, तेजश्रीबेन पटेल और प्रहलाद पटेल के इस्तीफे के बाद 182 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर 51 रह गयी है।

राजपूत, तेजश्रीबेन पटेल और प्रहलाद पटेल ने सदन से और पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दिया है। बाद में वे गांधीनगर में भाजपा के दफ्तर गए और और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए। तीनों विधायकों ने गांधीनगर में अपने इस्तीफे का पत्र विधानसभा अध्यक्ष रमनलाल वोरा को सौंपा। गुजरात से राज्यसभा के कुल 11 सदस्यों में स्मृति और दिलीपभाई पांडे तथा कांग्रेस के अहमद पटेल का कार्यकाल 18 अगस्त को खत्म हो रहा है। कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीति सचिव अहमद पटेल को फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है।

इस बीच, गुजरात के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर राज्यसभा में आज कांग्रेस सदस्यों ने भारी हंगामा किया और बार बार आसन के समक्ष आकर नारेबाजी की जिससे सदन की कार्यवाही लगातार बाधित हुयी और चार बार के स्थगन के बाद बैठक अंतत: दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। हंगामे की वजह से सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल दोनों नहीं हो पाए। शुक्रवार होने के नाते सदन में आज गैर..सरकारी कामकाज होना था। लेकिन वह भी हंगामे की भेंट चढ़ गया।

कांग्रेस का आरोप था कि गुजरात में पुलिस ने उच्च सदन के चुनाव को प्रभावित करने की खातिर पार्टी के एक विधायक का अपहरण कर लिया है। कांग्रेस सदस्यों ने भाजपा पर राज्यसभा का चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस के विधायकों को ‘‘चुराने’’ का आरोप लगाया। कांग्रेस सदस्यों ने बार बार आसन के समक्ष आ कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सुबह बैठक शुरू होने पर विपक्ष के नेता और वरिष्ठ कांग्रेस सदस्य गुलाम नबी आजाद तथा उनके पार्टी सहयोगी आनंद शर्मा ने यह मुद्दा उठाया। आजाद ने आरोप लगाया कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होने चाहिए लेकिन गुजरात में आसन्न राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस ने उनके एक विधायक का अपहरण किया। उन्होंने कहा कि यह कथित अपहरण जिस पुलिस अधीक्षक ने किया है, वह पहले फर्जी मुठभेड़ के आरोप में जेल भी जा चुके हैं। आजाद ने कहा कि वह कांग्रेस के उन तीन विधायकों के इस्तीफे का मुद्दा नहीं उठा रहे हैं जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने वाले इन तीन विधायकों में से एक को तो तत्काल राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा का उम्मीदवार बना दिया गया।

आजाद ने कहा कि गुजरात के विधायक पूनाभाई गामित पार्टी की एक बैठक में शामिल होने के बाद एक अन्य विधायक के घर जा रहे थे। उसी दौरान जिला पुलिस अधीक्षक ने उनका ‘‘अपहरण’’ कर लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक कपड़े बदलने का बहाना कर वहां से बच पाए। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने व्यवस्था के प्रश्न के तहत यह मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात में सत्ताधारी भाजपा ने संविधान का उल्लंघन किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में पार्टी ने विधायकों का अपहरण करने के लिए पुलिस का उपयोग किया है। शर्मा ने कहा कि इस बात की गारंटी दी जानी चाहिए कि राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष हों।

केंद्रीय मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला ने कांग्रेस के आरोप का खंडन करते हुए कहा कि यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है। कांग्रेस के विधायक और राज्य विधानसभा में पार्टी के नेता अब पार्टी छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायकों ने राष्ट्रपति चुनाव में अपने ही उम्मीदवार को वोट नहीं दिया। ‘‘यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है।’’ 

संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराना चुनाव आयोग की जिम्मदारी है। ‘‘अगर उन्हें कोई शिकायत है तो उन्हें चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए। राज्यसभा वह स्थान नहीं है जहां विरोध जताया जाए।’’ आजाद ने कहा, ‘‘आपको संविधान की रक्षा करनी होगी। मतदाताओं का अपहरण किया जा रहा है। हम कहां जाएं।’’ उप सभापति पीजे कुरियन ने कहा कि चुनाव से आसन का कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा ‘‘जो कुछ कहा जा रहा है, अगर वह हो रहा है तो समाधान यहां नहीं है। आप पुलिस में शिकायत कर सकते हैं, आप चुनाव आयोग में जा कर समाधान मांग सकते हैं। मेरे पास इसका कोई समाधान नहीं है।’’

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