भाजपा का दावा, बारामूला में शाह की विशाल जनसभा घाटी के बदलते हालात को दर्शाती है

Amit Shah greets
ANI

पाकिस्तान के साथ किसी प्रकार की बातचीत से गृह मंत्री के इंकार पर भाजपा नेताओं ने कहा कि उनका ऐसी किसी भी पार्टी के साथ कोई संबंध नहीं होगा जो पड़ोसी देश के साथ बातचीत की वकालत करता हो अथवा जिसका प्रतिबंधित संगठन जमात ए इस्लामी और अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस के साथ किसी प्रकार का ताल्लुक हो।

नयी दिल्ली। जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए आधारभूमि बनाने के मद्देनजर निर्वाचन आयोग की तैयारियों के बीच भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जनसभा में बड़े पैमाने परलोगों की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि घाटी में हालात बदल रहे हैं। पाकिस्तान के साथ किसी प्रकार की बातचीत से गृह मंत्री के इंकार पर भाजपा नेताओं ने कहा कि उनका ऐसी किसी भी पार्टी के साथ कोई संबंध नहीं होगा जो पड़ोसी देश के साथ बातचीत की वकालत करता हो अथवा जिसका प्रतिबंधित संगठन जमात ए इस्लामी और अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस के साथ किसी प्रकार का ताल्लुक हो। केंद्र शासित प्रदेश में भाजपा की रणनीति के संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘ऐसी किसी भी पार्टी के साथ हमारा राजनीतिक संबंध नहीं होगा।’’ 

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घाटी की दो मुख्य राजनीतक पार्टियां - नेशनल कांफ्रेंस एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी - आतंकवाद प्रभावित केंद्र शासित प्रदेश में शांति बहाल करने के लिये हमेशा से पाकिस्तान के साथ बातचीत की पक्षधर रही हैं। भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘‘देश के एक हिस्से में शांति के लिये हमें पाकिस्तान के साथ बातचीत क्यों करनी चाहिये, जो हमारे देश में आतंकवाद को हमेशा बढ़ावा देता है। वास्तव में, हमारा सुझाव यह है कि भारत को जम्मू कश्मीर में आतंकी हिंसा को समाप्त करने के लिए पाकिस्तान से बात करनी चाहिए, जो सर्वविदित है कि इसके पीछे यही देश है।’’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘हमारी सरकार आतंकवादियों को समूल नष्ट करने पर काम कर रही है।’’ भाजपा सूत्रों ने डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के साथ गठबंधन की किसी संभावना से भी इंकार किया, जिसका गठन हाल ही में कांग्रेस छोड़ने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में जब भी चुनाव हो, भाजपा को उम्मीद है कि वह इसमें बेहतर करेगी। पार्टी के एक शीर्ष नेता ने दावा किया कि करीब तीन दशक के बाद केंद्रीय कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री ने बारामूला में एक रैली को संबोधित किया है। बारामूला उत्तर कश्मीर का एक जिला है, जिसके बारे में एक समय यह समझा जाता था कि यह आतंकवाद का गढ़ है। सूत्रों के अनुसार केंद्र के कल्याणकारी उपाय जैसे मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन और ‘‘आयुष्मान भारत’’ के तहत स्वास्थ्य सेवा को धरातल पर काफी पसंद किया जा रहा है। 

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शाह की रैली मंगलवार को राजौरी में जबकि बुधवार को बारामूला में हुयी, इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में नई जान फूंक दी है जो चुनाव की तैयारियों में लगे हैं। ऐसा लगता है कि मतदाता सूची तैयार करने का काम समाप्त होने के बाद निर्वाचन आयोग की ओर से प्रदेश में चुनाव कराये जाने की घोषणा किये जाने की संभावना है। कश्मीर मसले पर पाकिस्तान के साथ किसी प्रकार की बातचीत को खारिज करते हुये शाह ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार की जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ बातचीत करने में अधिक दिलचस्पी अधिक है। इसके साथ ही शाह ने लोगों को आश्वस्त किया कि विधानसभा चुनाव ‘‘पूरी पारदर्शिता’’ के साथ कराया जायेगा। जम्मू कश्मीर से पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किये जाने और प्रदेश के विभाजन के बाद घाटी में अपनी पहली सार्वजनिक रैली में नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों ने यहां 70 साल तक शासन किया उन्होंने मुझे पाकिस्तान के साथ बातचीत करने का सुझाव दिया। मेरी मंशा स्पष्ट है कि मैं पाक के साथ बातचीत नहीं करना चाहता, लेकिन मैं बारामूला के अपने गुर्जर, पहाड़ी और बक्करवाल भाइयों के साथ बातचीत करना चाहता हूं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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