पंजाब कैबिनेट ने ने उत्कृष्ट खिलाडिय़ों के लिए रोजग़ार का विशेष प्रबंध करने के लिए मार्ग प्रशस्त किया

Amrender singh

कैबिनेट ने अन्य वर्गों के खिलाडिय़ों को शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री को नीति में आवश्यक बदलाव करने के लिए अधिकृत किया। इस निर्णय का उद्देश्य युवाओं को खेलों को कॅरियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करना भी है।

चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा हाल ही में हुए टोक्यो ओलंपिक खेलों में देश का नाम रौशन करने वाले पंजाब के खिलाडिय़ों को नकद इनामी राशि से सम्मानित करने के मौके पर किए गए वायदे को पूरा करते हुए पंजाब कैबिनेट ने उत्कृष्ट खिलाडिय़ों के लिए रोजग़ार का विशेष प्रबंध करने के लिए मार्ग प्रशस्त करते हुए गुरूवार को नियमों में संशोधन करने का फ़ैसला किया।

 

 

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फ़ैसला आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता में  हुई कैबिनेट मीटिंग में किया गया  पंजाब खिलाड़ी भर्ती नियम, 1988 के नियम 3 में संशोधन करते हुए इसमें नियम 3 ए शामिल करने के साथ ओलंपिक खेलों, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों के साथ-साथ विश्व कप टूर्नामेंटों में बढिय़ा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी खेल कोटे के अंतर्गत विभिन्न विभागों में भर्ती किए जाएंगे नए नियम को शामिल करने से ओलम्पिक खेलों, चार सालों के बाद होने वाले अंतरराष्ट्रीय मुकाबले विश्व कप/चैंपियनशिप (फीफा विश्व कप $फुटबॉल, आई.ए.ए.एफ. विश्व कप एथलैटिक्स, फीबा बास्केटबॉल विश्व कप, वॉलीबाल विश्व कप और हॉकी विश्व कप), एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले खिलाडिय़ोंं को स्टेट सिविल सर्विसज़ और राज्य के मामलों से सम्बन्धित पदों के विरुद्ध नियुक्ति दीं जाएंगी। कैबिनेट ने अन्य वर्गों के खिलाडिय़ों को शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री को नीति में आवश्यक बदलाव करने के लिए अधिकृत किया। इस निर्णय का उद्देश्य युवाओं को खेलों को कॅरियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करना भी है।

 

 

सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को 1500 करोड़ रुपए का और अतिरिक्त तोहफा देते हुए पंजाब सरकार ने बेसिक पे में और विस्तार करते हुए 31 दिसंबर, 2015 की बेसिक पे में कम से कम 15 प्रतिशत और अधिक विस्तार करने का फैसला किया। इसके अलावा कुछ भत्तों को बहाल करने का फ़ैसला किया गया। इस फ़ैसले से कर्मचारियों के वेतन/पेंशन में सालाना कुल औसतन विस्तार 1.05 लाख रुपए तक हो जायेगा जो पहले छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को मानने के बाद 79,250 रुपए था जो पहली जुलाई 2021 से लागू किया गया था। मुलाजिमों के लिए पहले यह तोहफ़ा कुल 4700 करोड़ रुपए का था और वृद्धि करने का फ़ैसला किया गया 

 

आज  हुई कैबिनेट मीटिंग में किया गया जिन सभी मंत्रियों, प्रशासनिक सचिवों और विभागों के मुखियों को निर्देश दिए कि वह अपने-अपने विभाग से सम्बन्धित मुलाजिमों की शिकायतों का जल्दी हल करें। आज के फ़ैसले से मुलाजिमों की सभी वाजिब माँगें हल हो जाएंगी।

उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर मुलाज़ीम अपना विरोध-प्रदर्शन निरंतर जारी रखते हैं तो नियमों के अनुसार सख्त कार्यवाही की जायेगी।मुख्यमंत्री ने 2.85 लाख मुलाजिमों और 3.07 लाख पेंशनरों जिनको आज के फ़ैसले से फायदा होगा, की शिकायतों के हल के लिए कैबिनेट मंत्री ब्रह्म महिंद्रा और अन्यों की कोशिशों की सराहना की।

 

सरकारी खजाने पर अब वेतन/पैनशनों का कुल बोझ 42673 करोड़ रुपए सालाना होगा। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि मेडिकल भत्ता, मोबाइल भत्ता, यातायात भत्ता और सिटी कंपनसेटरी भत्ता (सी.सी.ए.) जैसे आम भत्तों को पहली जुलाई 2021 से संशोधित दरों (2.59 गुणा 0.8) के हिसाब से बहाल करने के साथ ही कैबिनेट के फैसले के अनुसार सभी जारी भत्ते न सिर्फ़ बरकरार रखे गए हैं, बल्कि पहले की अपेक्षा दोगुने कर दिए गए हैं जितने पहले मिलते थे।

मंत्रीमंडल ने डाक्टरों को संशोधित बेसिक पे के 20 प्रतिशत के हिसाब से मिलने योग्य ग़ैर प्रेक्टिस भत्ता (एन.पी.ए.) को वेतन का हिस्सा मानने और कर्मचारियों के लिए सचिवालय वेतन (पंजाब सिवल सचिवालय में काम करते) को पहली जुलाई 2021 से दोगुना करने और वेतन का हिस्सा मानने की मंजूरी दे दी है। इसके अलावा नेशनल पैंशन स्कीम के अधीन आने वाले कर्मचारियों को अब मौत होने की सूरत में पारिवारिक पैंशन के अधीन कवर किया गया है जिसमें 5 मई, 2009 के पारिवारिक पैंशन दिशा निर्देशों को अपनाया गया है जिससे 4 सितम्बर, 2019 के जारी दिशा निर्देशों में वाजिब तबदीलियाँ करके पंजाब सिवल सेवाएं नियम भाग -2 के अंतर्गत नयी पैंशन स्कीम के अधीन आते राज्य के कर्मचारियों पर भारत सरकार के मुलाजिमों की तजऱ् पर लागू किया जाए।

 

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कैबिनेट ने एक और फैसले के द्वारा कर्मचारियों के परख काल समय की सेवा को ए.सी.पी. के मंतव्य के लिए गिना जाये जैसे कि आम राज प्रबंध विभाग की तरफ से ऐसा पहला ही किया जा रहा है। कैबिनेट की तरफ से किया गया फ़ैसला स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म महिंद्रा के नेतृत्व अधीन बनी मंत्रियों के समूह की कमेटी की तरफ से की गई सिफारिशों पर आधारित है। यह कमेटी विभिन्न कैटेगरियां के मुलाजिमों की मांगों पर विचार करने के लिए बनाई गई थी। 25 जून 2021 को बनाई गई इस कमेटी में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री साधु सिंह धर्मसोत और मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान मंत्री ओ.पी.सोनी को शामिल किया गया था।

इसी तरह मुलाजिमों की माँगों के लिए अफसरों की कमेटी बनाई गई थी जिसमें प्रमुख सचिव वित्त, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं प्रमुख सचिव पर्सनल को शामिल किया गया था। मुलाजिमों की विभिन्न एसोसिएशनों के साथ चरणबद्ध मीटिंगों के बाद अफसरों की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश की जिसके बाद इस पर मंत्रियों के ग्रुप द्वारा विचार किया गया। इस कमेटी की तरफ से मुलाजि़म एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों को निजी तौर पर भी सुना गया और अपनी सिफारिशें मंत्रिमंडल को दी गई।

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