पंजाब मंत्री मंडल द्वारा ग्राम सेवकों की मूलभूत शैक्षिक योग्यता को स्नातक करने के लिए नियमों में संशोधन को दी मंज़ूरी

 Amarinder Singh

ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग में पंचायत सचिव और ग्राम सेवकों की ड्यूटियां एक ही जैसी हैं, परन्तु पंचायत सचिव की सीधी भर्ती के लिए न्युनतम शैक्षिक योग्यता स्नातक है, जब कि ग्राम सेवकों की शैक्षिक योग्यता अब तक मैट्रिक थी।

चंडीगढ़। ग्राम विकास एवं पंचायत विभाग की कार्यकुशलता में और वृद्धि करने के लिए पंजाब मंत्री मंडल द्वारा आज ग्राम सेवकों की न्युनतम शैक्षिक योग्यता मैट्रिक से बढ़ाकर स्नातक करने का निर्णय लिया गया।

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मंत्री मंडल ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग (दर्जा-3) सेवा नियमों, 1988 में संशोधन को मंज़ूरी दे दी है। इस सम्बन्धी फ़ैसला आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता अधीन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा हुई मंत्री मंडल की बैठक में लिया गया।

 

 

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मंत्री मंडल की मंज़ूरी के बाद, ‘पंजाब ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग (दर्जा-3) सेवा (पहली संशोधन) नियम, 2021’ नियमों में संशोधन को नोटीफायी करेगा, जिससे 792 ग्राम सेवकों की नई भर्ती के लिए रास्ता साफ होगा। यह भर्ती एस.एस.एस. बोर्ड द्वारा करवाई जाएगी। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग में पंचायत सचिव और ग्राम सेवकों की ड्यूटियां एक ही जैसी हैं, परन्तु पंचायत सचिव की सीधी भर्ती के लिए न्युनतम शैक्षिक योग्यता स्नातक है, जब कि ग्राम सेवकों की शैक्षिक योग्यता अब तक मैट्रिक थी।

इस दौरान राज्य भर के 582 वैटरनरी अस्पतालों में पशु स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावशाली ढंग से प्रदान करने की कोशिश के तौर पर मंत्री मंडल ने पहले ही ठेके के आधार पर काम कर रहे सर्विस प्रोवाईडरों (497 वैटरनरी फार्मासिस्ट और 498 दर्जा-4/सफ़ाई सेवकों) की सेवाओं को दो सालों के समय भाव 1 अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2022 के लिए अस्थाई प्रबंधन के रूप में जारी रखने की मंज़ूरी दे दी है। यह फ़ैसला वैटरनरी अस्पताल के निर्विघ्न कामकाज को सुनिश्चित बनाने के साथ-साथ डेयरी किसानों को उनके पशुओं के लिए बेहतर वैटरनरी सेवाएं प्राप्त करने के योग्य बनाने के लिए लिया गया है।

पशु पालकों को बेहतर पशु स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग से ग्रामीण वैटरनरी अधिकारियों की 582 स्वीकृत पदों सहित 582 सिविल वैटरनरी अस्पतालों को पशु पालन विभाग में पहले ही बदल दिया गया है।

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जि़ला स्तर पर स्थापित रोजग़ार एवं उद्यम ब्यूरो और जि़ला प्रोग्राम प्रबंधन इकाईयों के कामकाज में समन्वय और समानता को सुनिश्चित बनाने के लिए कैबिनेट ने नोटिफिकेशन नंबर 9/33/2019-1 ई.टी./1530612/1 तारीख़ 24 जुलाई, 2019 में संशोधन करते हुए ‘‘अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) और ए.डी.सी. (डी.) की जगह अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर-कम-सी.ई.ओ. जि़ला उद्यमिता और रोजग़ार ब्यूरो’’ के इस्तेमाल करने को मंज़ूरी दी है।

कैबिनेट द्वारा 6 जून, 2019 को लिए गए एक फ़ैसले के अनुसार पंजाब कौशल विकास मिशन को रोजग़ार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण विभाग के अधीन लाया गया था, जिसने समूह जिलों में रोजग़ार और उद्यमिता ब्यूरो स्थापित किए हैं, जहाँ कि अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर को सी.ई.ओ. (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) स्थापित किया गया है। जिलों में रोजग़ार और उद्यमिता ब्यूरो और जि़ला प्रोग्राम प्रबंधन इकाईयाँ जो कि पंजाब कौशल विकास मिशन से सम्बन्धित हैं, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नरों के अधीन सीधे तौर पर काम कर रहे हैं, जोकि सम्बन्धित नोडल अफ़सर भी हैं। परन्तु कई जिलों में अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) को कौशल प्रोग्रामों के लिए नोडल अफ़सर और अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (जनरल) को रोजग़ार एवं उद्यम ब्यूरो का सी.ई.ओ. नियुक्त किया गया है। इस दोहरी प्रणाली से विभाग के कौशल विकास और रोजग़ार सृजन विंगों के दरमियान तालमेल की कमी पैदा होती है। इसलिए जि़ला रोजग़ार और उद्यमिता ब्यूरो एवं जि़ला प्रोग्राम प्रबंधन इकाईयों के दरमियान बेहतर तालमेल के लिए कैबिनेट द्वारा उपरोक्त नोटिफिकेशन में संशोधन का फ़ैसला किया गया।

 

कैबिनेट द्वारा रोजग़ार सृजन और प्रशिक्षण विभाग की साल 2018-19, 2019-20 और खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की चार वर्षों 2016-17, 2017-18, 2018-19 और 2019-20 की वार्षिक प्रशासनिक रिपोर्टों को भी मंज़ूरी दे दी।

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