एएमयू कुलपति ने लगाया अपने खिलाफ मुहिम चलाने का आरोप

शाह ने कहा कि एएमयू परिसर में गत शनिवार को छात्रगुटों के बीच हुये हिंसक संघर्ष में दो लोगों की मौत की घटना के बाद ‘असंतुष्ट तत्वों’ ने उन्हें दागदार करने को अभियान शुरू कर दिया है।

अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति जमीरुद्दीन शाह ने आज कहा कि एएमयू परिसर में गत शनिवार को छात्रगुटों के बीच हुये हिंसक संघर्ष में दो लोगों की मौत की घटना के बाद कुछ ‘असंतुष्ट तत्वों’ ने उन्हें दागदार करने के लिये अभियान शुरू कर दिया है। शाह ने छात्रों, अभिभावकों तथा दुनिया भर में फैले इस विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों समेत समूचे एएमयू समुदाय को लिखे खुले पत्र में कहा है कि अगर उन पर लगे आरोप साबित हो गये तो उन्हें कुलपति जैसे गरिमापूर्ण और महान पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रहेगा।

उन्होंने कहा कि यह और भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि एएमयू परिसर के अंदर ऐसे समय हिंसा हुई है जब यह विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान के अपने मूल दर्जे को खोने के गम्भीर खतरों से जूझ रहा है। शाह ने पत्र में कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान एएमयू ने देश में उच्च शिक्षा के शीर्ष संस्थान बनने के दिशा में खासी प्रगति की है। वह भी ऐसे वक्त में जब कुछ लोग इस इदारे को उन लोगों से छीन लेने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्होंने इसे खड़ा किया था। उन्होंने कहा ‘‘यह हम सभी के लिये आत्मावलोकन का समय है। साथ ही यह जानने का भी कि आखिर हमारे नैतिक मूल्यों के साथ क्या बुरा हुआ।’’

मालूम हो कि शनिवार की रात को मुमताज छात्रावास के एक छात्र पर हमला करके उसका कमरा जलाये जाने को लेकर शनिवार-रविवार की मध्यरात्रि को दो छात्रगुटों के बीच हिंसक संघर्ष में प्रॉक्टर कार्यालय के पास दोनों ओर से हुई गोलीबारी में एएमयू के एक पूर्व छात्र महताब तथा मोहम्मद वाकिफ नामक युवक की मौत हो गयी थी। एएमयू के कुलपति शाह ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर परिसर में छात्र गुटों के बीच हुई झड़प की जांच सीबीआई अथवा राज्य पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स से कराने की मांग की है। इससे पहले एएमयू टीचर्स एसोसिएशन ने भी सम्पूर्ण प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की थी।

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