अन्ना हजारे ने सरकार से पूछा, महाराष्ट्र में क्यों नहीं खोले गए मंदिर?

Anna Hazare

राज्य सरकार अभी भी कोरोना वायरस के प्रसार के डर से धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने से कतरा रही है, खासकर जब महामारी की तीसरी लहर का अनुमान लगाया जा रहा है।

पुणे। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने राज्य में मंदिरों को फिर से नहीं खोलने के महाराष्ट्र सरकार के रुख पर सवाल उठाया और कहा कि अगर मंदिरों पर से प्रतिबंध हटाने के लिए आंदोलन किया जाता है तो वह उसे अपना समर्थन देंगे। हजारे ने एमवीए सरकार के मंदिरों को फिर से खोलने से इनकार करने पर सवाल उठाया और इसके लिए उन्होंने शराब की दुकानों के बाहर लगी लंबी कतार की ओर इशारा करते हुए सरकार पर कटाक्ष किया। 

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अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में शनिवार को हजारे ने कहा कि मंदिरों को फिर से खोलने की मांग करने वाले कुछ लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की थी। उन्होंने कहा, राज्य सरकार मंदिर क्यों नहीं खोल रही है? लोगों के लिए मंदिर खोलने में राज्य सरकार को क्या खतरा दिखता है? अगर कोविड-19 कारण है, तो फिर शराब की दुकानों के बाहर बड़ी कतारें क्यों हैं। 84 वर्षीय हजारे ने कहा कि उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को अपने समर्थन का आश्वासन दिया और उनसे कहा कि अगर वे मंदिरों को फिर से खोलने की मांग को लेकर आंदोलन करेंगे तो वह उनके साथ रहेंगे। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने कोरोना वायरस की स्थिति में सुधार को देखते हुए कई क्षेत्रों को फिर से खोल दिया और पूरी तरह से टीका लगाने वाले लोगों को मुंबई में लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति दी गई है। 

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हालाँकि, राज्य सरकार अभी भी कोरोना वायरस के प्रसार के डर से धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने से कतरा रही है, खासकर जब महामारी की तीसरी लहर का अनुमान लगाया जा रहा है। विशेष रूप से, विपक्षी भाजपा मांग करती रही है कि लोगों के लिए मंदिर फिर से खोले जाएं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र में शनिवार को कोरोना वायरस के 4,831 नए मामले आए और 126 मौतें हुईं, जिससे राज्य में संक्रमण की कुल संख्या 64,52,273 हो गई और मरने वालों की संख्या 1,37,026 हो गई।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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