देवेंद्र फडणवीस के आश्वासनों के बाद अन्ना हजारे ने तोड़ा अनशन
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की मांगों को सरकार द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद उन्होंने अपना अनशन समाप्त कर दिया। बता दें कि सात दिनों बाद लोकपाल और लोकायुक्त मुद्दों पर सरकार द्वारा मिले आश्वासन के बाद अन्ना हजारे ने अपनी भूख हड़ताल समाप्त की।
रालेगढ़ सिद्धी। समाजसेवी अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं दो केंद्रीय मंत्रियों के साथ यहां एक मैराथन बैठक के बाद अपना अनशन खत्म कर लिया। हजारे (81) ने लोकपाल एवं लोकायुक्तों की नियुक्ति के मुद्दे पर बीते 30 जनवरी को बेमियादी अनशन शुरू किया था। उन्होंने पत्रकारों को बताया, ‘फडणवीस एवं अन्य मंत्रियों से संतोषजनक बातचीत के बाद मैंने अपना अनशन खत्म करने का फैसला किया है।’ दोपहर में हजारे के गांव रालेगण सिद्धी पहुंचे मुख्यमंत्री फडणवीस ने जानेमाने समाजसेवी से काफी देर तक बात करने के बाद कहा कि सरकार ने उनकी मांगें स्वीकार कर ली है।
Maharashtra: Anna Hazare ends his fast in Ralegan Siddhi, Ahmednagar. He was on a fast since the last six days for the formation of Lokpal at the Centre and Lokayuktas in the states. pic.twitter.com/YBaJGK0Tec
— ANI (@ANI) February 5, 2019
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फडणवीस ने कहा कि लोकपाल की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह और सुभाष भामरे एवं महाराष्ट्र के मंत्री गिराश महाजन हजारे से वार्ता के दौरान मौजूद थे। हजारे ने केंद्र में लोकपाल एवं उन राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की मांग को लेकर अपना अनशन शुरू किया था जिन राज्यों में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी करने वाली ऐसी वैधानिक संस्था का अब तक गठन नहीं हुआ है। वह चुनाव सुधार एवं कृषि संकट के समाधान के तौर-तरीके सुझा चुके स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर अमल की भी मांग करते रहे हैं।
Maharashtra CM Devendra Fadnavis: We have decided that the Lokpal search committee will meet on 13 February and the directions of the Supreme Court will be followed. A joint drafting committee has been set up, it will prepare a new bill and we will introduce it in next session. pic.twitter.com/6F2g73em7h
— ANI (@ANI) February 5, 2019
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हजारे के अनशन के प्रति समर्थन व्यक्त करने के लिए स्थानीय लोगों ने मंगलवार को गांव में सरकारी कर्मियों के प्रवेश पर बंदिश लगा दी थी। समाजसेवी ने सोमवार को दावा किया था कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने सत्ता पर काबिज होने के बाद लोकपाल के गठन की उनकी मांग से मुंह फेर लिया। उन्होंने मौजूदा भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि उसने उन लोगों को धोखा दिया है जिन्होंने 2014 में उसे वोट दिया।
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