आर्मी चीफ नरवाने ने कहा- भविष्य की हर चुनौती के लिए हम तैयार

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अंकित सिंह । Jan 11 2020 12:32PM

सीडीएस गठन और सैन्य मामलों के विभाग के निर्माण पर बोलते हुए आर्मी चीफ ने कहा कि यह एकीकरण की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है और हम अपनी ओर से यह सुनिश्चित करेंगे कि यह सफल हो। उन्होंने कहा कि तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बेहद जरूरी है।

भारतीय सेना के नए चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने आज मीडिया से बातचीत की। इस दौरान नरवाने ने कहा कि हम भविष्य की हर चुनौती के लिए तैयार है। हमें भविष्य के लिए प्रशिक्षित होना होगा और यही वह समय है जहां हम प्रशिक्षण का जोर दे सकते है। नरवाने ने कहा कि सेना का हर जवान हमारी सबसे बड़ी ताकत है और यही हमारे सफलता का कारण भी। 

पीओके को लेकर सेना प्रमुख ने कहा कि यह एक संसदीय संकल्प है कि संपूर्ण जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा है। यदि संसद यह चाहती है, तो उस क्षेत्र (पीओके) को भी हमारा होना चाहिए। जब हमें उस आशय के आदेश मिलेंगे, तो हम उचित कार्रवाई करेंगे

सीडीएस गठन और सैन्य मामलों के विभाग के निर्माण पर बोलते हुए आर्मी चीफ ने कहा कि यह एकीकरण की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है और हम अपनी ओर से यह सुनिश्चित करेंगे कि यह सफल हो। उन्होंने कहा कि तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि सेना के रूप में, हम भारत के संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेते हैं, और वह हर समय हमारे कार्यों में हमारा मार्गदर्शन करता है।

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पुंछ सेक्टर में पाकिस्तान सेना द्वारा दो निहत्थे नागरिकों की हत्या पर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने कहा कि हम इस तरह की बर्बर गतिविधियों का सहारा नहीं लेते हैं और एक बहुत ही पेशेवर बल के रूप में लड़ते हैं। हम सैन्य रूप से ऐसी स्थितियों से उचित तरीके से निपटेंगे। उन्होंने कहा कि सियाचिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है जहां एक गठन पश्चिमी और उत्तरी मोर्चों की देखभाल कर रहा है। यह रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। 

थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शनिवार को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) का पद सृजित करने को तीनों सैन्य बलों के एकीकरण की दिशा में ‘बहुत बड़ा कदम’ बताया और कहा कि सेना इसकी सफलता सुनिश्चित करेगी। सेनाध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि संविधान के प्रति निष्ठा ‘‘हर वक्त हमारा मार्गदर्शन’’ करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की भावना हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी।’’ जनरल नरवणे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रशिक्षण का फोकस भविष्य के युद्धों के लिए सेना को तैयार करने पर होगा, जो नेटवर्क केंद्रित और जटिल होगा।

चीन द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र में किये जा रहे सैन्य बुनियादी ढांचे के विस्तार को लेकर सेना प्रमुख नरवणे ने कहा, ‘‘हम उत्तरी सीमा पर उभरी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने उत्तरी सीमा पर तैयारियों का पुनर्संतुलन प्रारंभ किया है, जिसमें उन्नत हथियार प्रणाली की तैनाती शामिल है।’’ पीओके के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, “जहां तक पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) की बात है, इस पर कई साल पहले का एक संसदीय प्रस्ताव है कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है। अगर संसद चाहती है कि वह क्षेत्र भी हमसे संबंधित होना चाहिए, अगर हमें उस बारे में आदेश मिलता है, तो हम निश्चित रूप से इस पर कार्रवाई करेंगे।” उन्होंने कहा, ‘‘सीडीएस का गठन और सैन्य मामलों के विभाग का गठन एकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम अपनी तरफ से इसकी सफलता सुनिश्चित करेंगे।’’

सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘एकीकरण सेना के भीतर भी होगा और एकीकृत युद्ध समूह इसका एक उदाहरण है। मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एकीकरण की इस प्रक्रिया में हम सभी को साथ लेकर चलेंगे। कोई भी पीछे नहीं रहेगा।’’ सेना प्रमुख के इस बयान से कुछ दिन पहले ही जनरल विपिन रावत ने भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष का पदभार संभाला है। उन्होंने कहा, “भारतीय सेना एक पेशेवर बल है, जो शांतकाल में, नियंत्रण रेखा पर और युद्ध क्षेत्र में सर्वाधिक पेशेवर और नैतिक तरीके से खुद को संचालित करती है।”

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